उत्तराखंडराजनीति

कौन बनेगा मुख्यमंत्री

धामी, निशंक, बलूनी, सुबोध, सतपाल, त्रिवेंद्र और कौशिक के नामों पर चर्चा

देहरादून। सूबे में भाजपा को प्रचंड बहुमत से जिताने के बाद अब जनता के बीच यह प्रशन तैर रहा है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा हालांकि माना जा रहा है कि विधायाकों में से ही किसी को यह दायित्व सौंपा जा सकता है।

बावजूद इसके निशंक, धामी त्रिवेंद्र और बलूनी भी सूबे की कप्तानी पाने के लिय फिल्डिंग सजा रहे हैं। धामी और त्रिवेंद्र के लिय तो विधायकों की ओर से सीट खाली करने तक का ऑफर दिया जा रहा है लेकिन इन दोनों में से किसी को मुख्यमंत्री बनाया जायेगा एसा लगता नहीं है। भाजपा नेतृत्व की ओर से केंद्रिय मंत्री पीयुष गोयल और धरमेंद्र प्रधान को बतौर पर्यवेक्षक उत्तराखंड भेजा गया है वह सभी विधायकों से बातचीत कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।

 

मुख्यमंत्री को लेकर सूबे के हर विधानसभा में लोगों के मन में एक ही सवाल तैर रहा है कि धामी के हारने के बाद अब यह ताज किसकों पहनाया जायेगा। बहुसंख्यक जनता का मानना है कि धामी भले ही चुनाव हार गये हों लेकिन उन्होंने अपनी टीम को जिता दिया है। अपने करीब छ महीने के कार्यकाल में उन्होंने काम भी अच्छा किया है एसे में जनता की रायशुमारी धामी के पक्ष में बन रही है। धामी के लिय वंसीधर भगत और एक अन्य विधायक सीट छोड़ने के लिय भी तैयार हैं।

दूसरी ओर तेज तर्रर माने जाने वाले डा0 रमेश पोखरियाल निशंक को भी सूबे की जनता एक बार फिर सीएम के रूप में देखना चाहती है वह त्वरित और कठोर निर्णय लेने में माहिर माने जाते हैं। बतौर केंद्रिय शिक्षा मंत्री के रूप में भी उन्होंने अपनी छवी को और मजबूत किया है। मुख्यमंत्री के रूप में भी अफसरों पर उनकी लगाम कसी रही थी। वहीं अनिल बलूनी भी मुख्यमंत्री के दावेदार माने जा रहे हैं वह उत्तराखंड के लिय बड़े पैरोंकार के रूप में जाने जाते हैं, इस दोनों में से किसी को भी मुख्यमंत्री बनाने पर पार्टी को संसदीय सीट पर चुनाव कराने पड़ेंगे यही स्थिती पुष्कर सिंह धामी के साथ भी है उन्हें भी छ महीने के भीतर चुनाव लड़ना पड़ेगा, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत भी इस कुर्सी की दौड़ में है, डोइवाला से विधायक बृजभूषण गैरोला उनके लिय सीट छोड़ने के लिय तैयार लेकिन यहां भी दिक्कत फिर चुनाव में जाने की है।

 

सीएम की कुर्सी पर सतपाल महाराज की निगाह भी लंबे समय से है। कुछ लोग सुबोध उनियाल का नाम भी उछाल रहे हैं लेकिन दोनों की पृष्ठभूमी कांग्रेसी होने से यह आसान नहीं लगता है। विधायक दल में से ही अगर चुनाव करना होगा तो मदन कौशिक का नाम भी सामने आ सकता है। वह पांचवी बार विधायक बने हैं। धन सिंह रावत का नाम भी चर्चा में है। इन नामों के चर्चा में होने के बावजूद अंतिम रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता भाजपा प्रयोगवादी पार्टी है और वह किसी अंजान चहरे को सीएम बनाकर एक नया प्रयोग भी कर सकती है। केंद्र से आये पर्यवेक्षक आभी विधायकों का मन टटोल रहें हैं उसके बाद उनकी रिपोर्ट पर ही केंद्रिय नेतृत्व कोई अंतिम फैसला लेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button