उत्तरकाशी। आरसीयू पीजी कालेज के पूर्व छात्र मिलन समारोह की सफलता का सहरा कालेज प्रशासन अब खुद के सिर पर सजाने का दम भर रहा है जबकि हकीकत यह है कि कालेज प्रशासन इसे सीमित करने पर तुला रहा इसके बानगी इस बात से देखी जा सकती है कि कई पूर्व छात्र संघ पदाधिकारी और गौरवशाली पूवर् छात्रो का निंमत्रण तक नही भेजा गया यहा तक की नगर के पुर्व छात्रो को तक इसकी जानकारी नही दी गयी इसके बावजूद पूर्व छात्र परिषद के अध्यक्ष बच्चन सिह राणा और महासचिव डा महेन्द्र पाल सिंह परमार सहित कुछ पूर्व छात्रो के अनथक प्रयास से यह समारोह एक बडी लकीर खींचने में सफल रहा। कार्यक्रम की सफलता की चर्चा के बाद अनेक पूर्व छात्र इस कार्यक्रम में शामिल न हो पाने से अपने आप को मायूस समझ रहे है। कालेज के पूर्व छात्र एंव लखनउ में कार्यरत गाेंविद पंत राजू कार्यक्रम मे शामिल होने के लिए बेहद उत्साहित थे लेकिन स्वास्थय संबंधी कारणो से वह कार्यक्रम में शामिल नही हो पाए लेकिन उनकी भावनाए कार्यक्रम में शामिल रही समारोह समापति के बाद उनकी जो प्रतिक्रिया सामने आई है वो इस प्रकार है-
उम्मीद है कि आप लोग अभी भी उत्तरकाशी में हुए समारोह की सुखद अनुभूतियों के सागर में ही गोते लगा रहे होगे। जब कार्यक्रम में शामिल न हो पाने के बावजूद चित्रों ,खबरों और आप लोगों की टिप्पणियों को पढ़ पढ़ कर हम जैसे लोग इतने आनंद विभोर हो रहे हैं तो आप की अनुभूतियों का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
यह नॉस्टैल्जिया अभी लंबे समय तक बरकरार रहेगा और आप समारोह से मिली ऊर्जा से लबालब रहेंगे। अगली बार फिर कभी जब समारोह होगा तो कुछ नए लोग जुड़ेंगे , कुछ और नई अनुभूतियां होंगी तथा कुछ और साथियों की छिपी प्रतिभाएं सामने आएंगी।लेकिन यह सब ऊर्जा,सुख और उत्साह सिर्फ हमारे आपके हिस्से का होगा।मुझे लगता है कि हमें इस ऊर्जा और उत्साह को अपने भावी साथियों के साथ भी बांटना चाहिए।
प्रदीप भाई ने जो दो मांगें रखी थीं कि हमारा यौवन वापस लौटा दिया जाय और हमें नियमित छात्र के रूप में एडमिशन दे दिया जाय, यह दोनों मांगे बहुत आसानी से पूरी हो सकती हैं अगर हम अपने कॉलेज में भविष्य में पढ़ने वाले छात्रों के लिए कुछ कर सकें। दोस्तो तमाम शिक्षा संस्थाओं के एलुमनाई अपने अपने संस्थानों के लिए अपनी-अपनी तरह से कुछ ना कुछ करते रहते हैं। लोगों को भी निश्चित रूप से ऐसा कुछ करना चाहिए कि हम अपनी नई पीढ़ियों में खुद को देख सकें और अपने कॉलेज से खुद को हमेशा जुड़ा पा सकें।इसका एक आसान तरीका यह हो सकता है कि हम सब लोग मिलकर एक ऐसा कोष स्थापित करें कि जिसके ब्याज से हमारे कुछ प्रतिभावान किंतु साधन विहीन भावी छात्र छात्राओं को आर्थिक मदद दी जा सके।
हमारे पास राणा जी और परमार जी जैसे कर्मठ इमानदार और समर्पित साथी मौजूद है जो इस कोष के संचालन की जिम्मेदारी बखूबी निभा सकते हैं। इस बार जहां तक मेरी जानकारी है लगभग 300 पूर्व छात्र समारोह में शामिल हुए थे।इन सबके फोन नंबर तथा संपर्क अब हमारे पास होंगे ।इन सभी से विचार विमर्श कर इस कोष के लिए कुछ किया जा सकता है।अगर न्यूनतम 5000 रुपए का सहयोग प्रति पूर्व छात्र मिल सके तो 15 लाख जमा हो सकते हैं।कुछ अधिक समर्थ साथी अधिक योगदान भी कर सकते हैं।अगले समारोह में नए शामिल साथियों को भी इसी तरह जोड़ा जा सकता है।इससे कोष की धनराशि बढ़ती जायेगी और हमारी मदद करने की क्षमता भी। आप सभी से निवेदन है कि इस बारे में अपने सुझाव अवश्य दें।