देहरादून। जब भी महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिला उन्होंने पुरूषों के वर्चस्व को तोड़कर हर मुकाम पर अपना स्थान बनाया है, शिक्षा, साहित्य, कला चिकित्सा ही नहीं बल्कि राजनीति और सेना में भी महिलाओं ने अपनी योगयता को सिद्ध किया है।
उन्होंने खेलों की दुनिया में भी दम-खम दिखाते हुए कई नए रिकॉर्ड बनाये हैं। बावजूद इसके अभी भी महिलाओं को यथोचित अवसर और सम्मान देने की आवश्यकता है। महिलाओं के उपर हो रहे अत्यचार रोकने के लिए हालांकि कई कड़े कानून बने हैं लेकिन जब तक समाज में महिलाओं के प्रती समभाव और सम्मान नहीं होगा तब तक यह कानून भी बहुत प्रभावी नहीं होंगे एसे में हर व्यक्ति को महिलाओं के प्रती सम्मान देने का संसकार पैदा करना होगा और इसकी शुरुआत परिवार से ही होनी चाहिए। महिलाओं को आगे बढ़ने के लिय आर्थिक रूप से भी मजबूत बनना होगा और इसके लिये उसे चूलहे-चौके से बाहर निकलना होगा।
यह निष्कर्ष सत्यम वैडिंग पाईंट बंजारावाला में गड़ हितैषी स्वयं सहायता समूह एवं भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की ओर से अंतराष्ट्रिय महिला दिवस पर आयोजित सम्मेलन में निकलकर सामने आये , सम़्मेलन में मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता शशी चमोली ने कहा कि अब महिलायें सामाजिक और राजनैतिक रूप से भी पहले से अधिक सक्रिय दिखने लगी हैं। वह अपने अधिकारों के प्रती सचेत है। जब से पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण मिला है तब से राजनीति में उनकी भूमिका और प्रभावी हो गई है। अब वह गांव और शहर के विकास को लेकर मंथन करने लगी है।
विशिष्ट अतिथि समाज सेविका शालिनी कुडियाल ने कहा कि महिलायें हमेशा से सशक्त रही हैं लेकिन पहले उन्हें अवसर कम मिलते थे अब महिलाएं शिक्षित होने लगी हैं तो वह परिवार से लेकर समाज के विभिन्न मुद्दों पर स्वतंत्र रूप से अपने फैसले भी लेने लगी है, उन्होंने बच्चीयों को शिक्षित करने और उन्हें अवसर उपल्बध कराने के लिए समानता देने का माता-पिता से आग्रह किया।
अति विशिष्ट अतिथि भाजपा महिला मोर्चा की महानगर अध्यक्ष कमली भट्ट, प्रदेश मंत्री मधु भट्ट और प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष अनुराधा वालिया ने कहा कि जब सारे फैसले राजनीति से प्रभावित होते हैं तब राजनीति में महिलाओं की भाग्यदारी का महत्व भी बड़ जाता है। उन्होंने महिलाओं के ऊपर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए जन जागरुकता को अहम बताया कहा कि महिलाओं के प्रती सम्मान का संसकार बच्चों को परिवार से ही मिलना चाहिए।
मुख्य वक्ता आकाशवाणी की उद्घोषिका एवं कवियत्री भारतीय आनंद ने महिला दिवस की उत्पत्ती एवं प्रासंगिकता के बारे में बताया कहा कि महिलाएं भी समाज का महत्वपूर्ण पहिया है और इसकी अंदेखी नहीं की जा सकती उन्हें आगे बढ़ने के लिए परिवार से ही माहौल देना चाहिए कहा की जब भी जिस महिला को अवसर मिला उसने स्वंय को सिद्ध कर स्वंयसिद्धा नाम पाया। वह कमजोर नहीं है, अबला भी नहीं है, नारी सबल है सबला है। विधायक विनोद चमोली ने कहा कि महिलाओं को अवसर देने के लिय भाजपा सरकार केंद्रिय एवं प्रदेश स्तर पर कटिबद्ध है। सरकार महिला के उत्थान के लिय स्वंय सहायता समूह का सहयोग कर रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं संचालन करते हुए गड़ हितेषी स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष सरीता कुडियाल और भाजपा महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष शोभा रावत ने भी महिलाओं के विभिन्न आयामों पर विचार रखे कहा कि स्वंय सहायता समूह से जुड़कर महिलाएं अपनी योगयता को प्रदर्शित करने के साथ ही आर्थिक रूप से भी सबल बन सकती है। सम्मेलन में मुसकान परिहार, शीतल और आदित्य थापा ने लोक नृत्य की प्रस्तुती दी। इसके साथ ही समा शुक्ला, उन्नती जोशी, शिवानी कुमकुम ने भी अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी।
इस अवसर पर को विभिन्न क्षेत्रों में उपल्बधियां हासिल करने पर मकानी नेगी, लक्ष्मी राणा, पुष्पा पुंडीर, सावित्री चौहान, आशा रावत, प्रिय सकलानी, अजय पैनूली, बिज्जी भट्ट, कुसुम घिल्डियाल, कपिला सकलानी एवं कई बाल कलाकारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आर एस पुंडीर, दर्शन लाल बिंजोला पार्शद, बसंती बिष्ट, मिना गोदियाल, सरीता डंगवाल, मुन्नी रावत, पिंकी गुसाईं,ममता रावत, रजनी नेगी, सुमित्रा देवी, गाईका अंजली रमोला, तृप्ती कुकरेती, निर्मला बहुगुणा, लक्ष्मी बुटोला, अनीता कुकसाल, सुलोचना मंदवाल, रधा डपोला, लक्ष्मी पंवार, किरन शर्मा, कमला रावत, मनोरमा नेगी, आशा गुसाईं, धनुली, दीपा जोशी, ललिता मैखुरी, निर्मला नौटियाल एवं एकादशी समेत 500 से अधिक महिलाएं उपस्थित थे।