उत्तराखंडसामाजिक

समुद्र किनारे से पहाड़ की चिंता

समाधान बताते ही नहीं खुद भी पहल करते है आदित्य मिश्रा

देहरादून। देश के औद्योगिक राजधानी मुंबई में रहने के बावजूद उत्तरकाशी में बड़े-बड़े आदित्य मिश्रा जी का मन हमेशा उत्तरकाशी की गलियों में घूमता रहता है।वह उत्तरकाशी की बेहतरी के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं।यह बात उनकी कविताओं में भी झलकती है।लेकिन वहां इसे केवल कार्य नहीं बनने देते बल्कि स्कोर धरातल पर उतारने के लिए भी प्रयत्नशील रहते हैं।

हाल ही में पीजी कॉलेज उत्तरकाशी के छात्र मिलन समारोह में भले ही वह शारीरिक रूप से मौजूद नहीं थे बावजूद इसके उनकी मौजूद मौजूदगी हर कोने में उनके कामों के साथ मौजूद रहे।उन्होंने न केवल छात्रावास के मरम्मत का भरोसा दिलाया बल्कि दो अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए भी पहल की Iयही नहीं उन्होंने गरीब छात्रों की मदद के लिए भी हाथ बढ़ाते हुए ₹100000 देने की घोषणा की और अन्य लोगों को भी इस काम में आहुति देने का आह्वान किया।
दूर मुंबई में रहने के बावजूद उनके मन में हमेशा पहाड़ के समस्या मौजूद रहती है वह पहाड़ के लिए हमेशा चिंतित रहते हैं।उनकी अचिंता केवल कागजी नहीं होती बल्कि वहां इसे दूर करने के लिए जमीनी स्तर पर भी काम करते हैं।इसी क्रम में उन्होंने एक आह्वान पत्र उत्तराखंड के साथियों को भेजा है’जिसमें जहां पहाड़ के समस्याओं का वर्णन है वही उसके समाधान का रास्ता भी उन्होंने बताया है।वह पहाड़ में पैदा नहीं हुए लेकिन पहाड़ हमेशा उनके भीतर मौजूद रहा है।आदित्य मिश्रा जी ने क्या समस्याएं बताई और उसका क्या समाधान बताया यह आपके लिए भी मौजूद है
मान्यवर मित्रों,
    आज उत्तरकाशी जिला शिक्षा संबंधित निम्नलिखित प्रतिकूल  परिस्थियों से गुजर रहा है:-
1, श्री रामचंद्र उनियाल स्नाकोत्तर विद्यालय में कई  छात्र शैक्षिक फीस एवम छात्रावास की फीस भरने के में असमर्थ होते हैं।
 लगभग यही स्थित कीर्ति इंटर विद्यालय या अन्य विद्यालयों में भी हो सकती है। ऐसे छात्र छात्राओं की सत्यापित/ प्रमाणित पहचान उनके गुरुओं के माध्यम से समय समय पर की जा सकती है। जिसके आधार पर पूर्व छात्र परिषद आगे आकर उनकी फीस भर सकती है।
2, हमारे क्षेत्र की दूसरी समस्या है की प्राइमरी स्कूलों में गांव से कम बच्चे पढ़ने आ रहे हैं। उनके अभिभावकों के मन में या तो शिक्षा के प्रति उदासी है या कुछ अविभावक अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में उनके बच्चों को
 पढ़ाना चाहते हैं चाहे उन्हे इसके लिए अतिरिक्त मूल्य/ ऊंची फीस का भुगतान करना पड़े।
समस्या का निदान
इस समस्या के निदान के लिए हमे तीन चरण में काम करना होगा ।
1) आज की शिक्षा का सर्वेक्षण।
पहले चरण में  सबसे पहले देखना होगा क्या हमारे सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के समान अंग्रेजी भाषा का शिक्षण है कि नही। अगर  कहीं कहीं नहीं है तो सरकार से अपने निवेदन रख कर और प्रतिनिधि मंडल मिल, सरकारी शिक्षण स्कूलों की अंग्रेजी शिक्षा का स्तर अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों तक लाना होगा।
  2) गांव गांव में काउंसलिंग।
इसके साथ ही साथ दूसरे चरण के रूप में  हर गांव में हम में से कोई जाकर गांव वालों की सभा आयोजित करके गांव वालों को सुरुचि  पूर्ण और मनोरंजक साधनों से समझाना यानी काउंसलिंग करनी होगी कि गांव का हर बच्चा स्कूल जाए। अन्यथा उसके दुष्श परिणाम होंगे और पहले से ही हो रहे हैं। जिस से उस बच्चे का पूरा जीवन अभाव ग्रस्त व संघर्ष पूर्ण परिस्थियों  में व्यतीत होगा।
इसके लिए हम लघु रोचक फिल्मे भी बना सकते हैं और इसके बाद कोई अन्य फिल्मब्दीखा सकते हैं जिस के आकर्षण में गांव के लोग एकत्र हो सके। मैं ऐसी शॉर्ट फिल्म बनाने में विसुलाइजेशन, लेखन ,  कलाकारों, शूटिंग और आर्थिक व्यवस्था में सहयोग करने को प्रस्तुत हूं।
स्वैच्छिक रूप से हमारे सहयोगी पूर्व छात्र भी ऐसी  स्वताः बना कर परिषद को उत्तरकाशी जिले के गांव गांव में  प्रदर्शित करने के लिए प्रदान कर सकते हैं।
 कुछ लोग यह आपत्ति उठा सकते हैं कि उपरोक्त काउंसलिंग का काम बहुत कठिन है। मेरा उनको उत्तर है कि जब परम पूज्य श्री विनोबा भावे जी गांव गांव में जाकर भूमि के बड़े बड़े जमींदारों के पास जाकर भूमि की भिक्षा मांग कर भूमि हीनो में बांट सकते थे, तो क्या हम रोचक मीडिया , लघु फिल्मों के माध्यम व गांव वालों में घुल मिल कर गांवों के भविष्य उत्तम करने का प्रयास क्यों नही कर सकते हैं।
 3)  नशा मुक्ति
   तीसरे चरण में हम शराब के बारे मे भी भविष्य में काउंसलिंग की व्यवस्था कर सकते हैं। मगर यह तभी कर सकते हैं जब उपरोक्त दो चरणों के लक्ष्य लगभग पूर्ण हो जाएं।
उपरोक्त मेरे अधूरे सुझाव हैं जो पूर्णता को तभी प्राप्त कर सकेंगे ,जब हमारे माननीय पूर्व छात्र अपने विचारों को सम्मिलित करेंगे  और उपरोक्त विचारों को संशोधित करेंगे।
शुभ कामनाओं सहित,
आपका अपना  पूर्व छात्र,
अदित्य रंजन मिश्र ,
मुंबई।

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