लडखड़ाते हुए भारत को थामो
आत्मनिर्भर बनाना है !
लोकल से वोकल को जोड़ो
ये मूलमंत्र अपनाना है!
बंधों एकता के सूत्र में
प्रेरणा का स्त्रोत बनाना है !
स्वदेशी को अपनाकर
भारत को विकसित करना है!
विश्व प्रतिस्पर्धा क्षेत्र में
सर्वोच्च शिखर पर रखना है!
निपुण रहे हर कर्म में
उस पथ में हमको चलना है!
निज देश पर रहे निर्भर
विश्वास हमें जगाना है!
संघर्ष में हम साथ रहे
वह नीति को अपनाना है !
देश भक्ति का भाव रहे
उस सत्य मार्ग पर चलना है!
बिखरते हुए भारत को
एक सूत्र में बांधना है !
संरक्षण करना संस्कृति का
खण्डित हो रही नव युग में
गौण रखे पाश्चात्य को
हिंदू धर्म बचाना है!
अर्थव्यवस्था सुदृढ़ रहे
अभियान हमें चलाना है !
लक्ष्य हमारा अटल रहे
विश्व गुरु बनाना है!
वन्दना सेमवाल कोठारी