सहकारिता मंत्री का धन सिंह रावत ने कहा है कि कॉपरेटिव बैंक एनपीए घटाने के लिए लक्ष्य के साथ काम करें। मंत्री डॉ रावत सहकारिता मुख्यालय मियांवाला देहरादून में आज सोमवार शाम को समीक्षा मीटिंग में बोल रहे थे। इस मीटिंग में कॉपरेटिव के बड़े अधिकारियों सहित, डीसीबी देहरादून व हरिद्वार के जीएम, डीजीएम और अन्य जिलों के जीएम वर्चुअल रूप से मीटिंग में
जुड़े। मंत्री डॉ रावत ने एक- एक जिलों के डीसीबी जीएम से एनपीए की जानकारी ली। उन्होंने अल्मोड़ा और उत्तरकाशी के महाप्रबंधक को निर्देश दिए कि, इस साल भी 0% एनपीए लाया जाए। गौरतलब है कि अल्मोड़ा और उत्तरकाशी डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक का गत वर्ष 0% एनपीए था। उन्होंने देहरादून व हरिद्वार के महाप्रबंधक व उप महाप्रबंधको को विशेष रूप से निर्देश दिए कि वह एनपीए वसूली में विशेष अभियान चलाएं। सभी जनपदों के कोऑपरेटिव बैंक एनपीए वसूली के लिए एक चार्ट पर काम करें। बैंक 5% से नीचे एनपीए लाये। सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने अल्मोड़ा और उत्तरकाशी के महाप्रबंधकों से कहा कि वह मोबाइल बैंकिंग के लिए आरबीआई में आवेदन करें। उन्होंने कहा कि और बैंक भी उत्तरकाशी और अल्मोड़ा जैसा रिजल्ट दें, ताकि मोबाइल बैंकिंग में सभी कोऑपरेटिव बैंक आ सके। और राष्ट्रीय बैंकों की प्रतिस्पर्धा में कोऑपरेटिव बैंक शामिल हो सके। गौरतलब है कि आरबीआई तभी मोबाइल बैंकिंग के लिए आवेदन स्वीकार करता है जब बैंक का कोई खाता एनपीए ना हो।
मंत्री डॉ रावत ने कहा कि जिन बैंकों का ऋण जमा अनुपात 60% से कम है वह बैंक ऋण वितरण बढ़ाएं।
सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कहा कि ओटीएस योजना 20 फरवरी से शुरू हो गई है। यह एनपीए कर्जदारों के लिए अंतिम मौका है। 25 मार्च के बाद मौका नहीं मिलेगा। उन्होंने डीसीबी के जीएम से कहा कि ओटीएस योजना का प्रचार- प्रसार होर्डिंग, पोम्पेट के जरिए किया जाये। उन्होंने कहा व्यक्तिगत रूप से ईमेल, पत्र के माध्यम से सूचना दी जाये। ओटीएस की सफलता के लिए शाखाओं के हर कर्मचारी संवेदनशील रहे हैं। योजना में 1 करोड़ रुपए तक ऋणयो को शामिल किया गया है।
सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कॉपरेटिव बैंक के जीएम और डीजीएम को निर्देश दिए कि, वह किसानों को बकरी पालन, भेड़ पालन, मछली पालन, व्यवसायिक खेती, सब्जियां की खेती के लिए, पॉलीहाउस के लिए 0 % पर तीन और पांच लाख का ऋण दें। पिछले 6 सालों में 0% ब्याज पर किसानों को ऋण देकर उन्होंने अपनी आमदनी दुगनी की है। किसानों को बिना ब्याज के ऋण देने का क्रम जारी रखा जाए। मंत्री डॉ रावत ने कहा कि, वित्तीय साक्षरता कैंप जिन बैंकों में कम किये हैं वहां ज्यादा से ज्यादा वित्तीय साक्षरता कैंप लगाया जाए। इन कैम्प में सहकारिता की तमाम कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगों को दी जाए। मंत्री डॉ रावत ने हरिद्वार की बहुद्देशीय सहकारी समितियों की समीक्षा के लिए अपर निबंधक ईरा उप्रेती को निर्देशित किया। जबकि डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक देहरादून की समीक्षा संयुक्त निबंधक श्री एमपी त्रिपाठी करेंगे। समीक्षा बैठक में अपर निबंधक ईरा उप्रेती श्री आनंद शुक्ल, संयुक्त निबंधक श्री एमपी त्रिपाठी, नीरज बेलवाल, डीडीएम नाबार्ड श्री भूपेंद्र कुमावत , महाप्रबंधक डीसीबी देहरादून श्री सी के कमल, महाप्रबंधक हरिद्वार सहित अन्य अधिकारी शामिल थे।