बड़ी उपलब्धिः टीएमयू के सीनियर रेडियोलॉजिस्ट प्रो. राजुल रस्तोगी ने मलेशिया में बांचे सोलह रिसर्च पेपर्स
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में वरिष्ठ विकिरण चिकित्सक प्रो. राजुल रस्तोगी ने मलेशिया में आयोजित तीन दिनी इंटरनेशनल कॉन्फेंस मलेशियन कांग्रेस ऑफ रेडियोलॉजी-एमसीओआर 2023 में की शिरकत
ख़ास बातें
कॉन्फेंस की थीम रही- इंटरटवाइनिंग फाउंडेशन विद् इन्नोवेशन
15 देशों के 1,500 रेडियोलॉजिस्ट ने 225 शोध पत्र किए प्रस्तुत
प्रो. राजुल अब तक कर चुके लगभग 165 रिसर्च पेपर प्रस्तुत
185 पब्लिकेशन्स और 15 टेक्सट बुक्स में करीब 55 चैप्टर्स भी प्रकाशित
छह इंटरनेशनल और एक दर्जन से अधिक नेशनल अवार्ड भी झोली में
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में रेडियोलॉजी के प्रो. राजुल रस्तोगी ने मलेशियन कांग्रेस ऑफ रेडियोलॉजी-एमसीओआर 2023 की तीन दिनी इंटरनेशनल कॉन्फेंस में 16 शोध पत्र प्रस्तुत किए। इस वर्ष कॉन्फेंस की थीम- इंटरटवाइनिंग फाउंडेशन विद् इन्नोवेशन रही। कुआलालम्पुर में आयोजित कॉन्फेंस में 15 देशों के लगभग 1500 रेडियोलॉजिस्ट ने करीब 225 शोध पत्र प्रस्तुत किए। इंटरनेशनल कॉन्फेंस में प्रो. रस्तोगी ने ब्रेन में विभिन्न प्रकार के स्पेस ऑक्यूपाइंग लिजंस-एसओएल में एमआरआई के टी टू फलेयर एवम् टी वन जीआरई स्कैन्स की भूमिका, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से ब्रेन का मूल्यांकन, एएसएल तकनीक से ब्रेन के लिजंस का मूल्यांकन और फीमेल पेलविस में लिवेटर हाइट्स का एमआरआई से मूल्यांकन प्रमुख रहे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका ख़ास
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से दिमाग के पानी के आयतन को पहचान कर दिमाग की बीमारियों को जल्दी पहचानने में मदद मिलेगी। टी टू फलेयर से हमें ब्रेन के अलग-अलग एसओएल को एमआरआई से पहचानने में सहूलियत होगी और कई केसों में ऑपरेशन से बचा जा सकेगा। इसी तरह से यूट्रोवजाइनल प्रोलैप्स को एमआरआई से अर्ली स्टेज में ग्रेडिंग करके उसका ऑपरेटिंव स्टेज से पहले ही पैल्विक एक्सरसाइज के जरिए ऑपरेशन से बचाव में सुविधा होगी।
15 टेक्सट बुक्स में 55 चैप्टर्स भी प्रकाशित
उल्लेखनीय है, प्रो. रस्तोगी को रेडियोलॉजी में 23 सालों का लंबा अनुभव है। वह 09 बरस से टीएमयू में अपनी सेवाएं दे रहे है। प्रो. राजुल अब तक 15 देशों की विजिट कर चुके हैं। वह करीब विभिन्न नेशनल और इंटरनेशनल कॉन्फेंस में लगभग 165 रिसर्च पेपर प्रस्तुत कर चुके हैं। प्रो. रस्तोगी के 185 पब्लिकेशन्स भी नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं और लगभग 625 से अधिक शोधार्थी इनका संदर्भ ले चुके हैं। इसके अलावा प्रो. राजुल के करीब 15 टेक्सट बुक्स में करीब 55 चैप्टर्स भी प्रकाशित हैं। इंटरनेशनल स्तर के छह और नेशनल स्तर के करीब एक दर्जन से अधिक अवार्ड भी प्रो. रस्तोगी की झोली में शामिल हैं।