देहरादून। जिनके गीतों ने सरकारी पलट दी है वह अब मूल निवास और भू कानून को लेकर जनता से सड़कों पर उतरने का आह्वान कर रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के सबसे पसंदीदा लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी की। उत्तराखंड में लोग भू कानून और मूल निवास के मुद्दे पर सुलग रहे हैं। अब इसमें नरेंद्र सिंह नेगी ने भी अपना सुर मिलाया है। इसके साथ ही उत्तराखंड के अनेक संस्कृति कर्मियों ने भी उनके साथ देने का आह्वान किया है। उत्तराखंड में भू कानून नहीं होने से यहां की जमीन बाहरी प्रदेश के लोग और भूमाफिया धड़ले से खरीद रहे हैं। स्थिति यह होने लगी है कि बाहरी प्रदेश के लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इसमें मुस्लिम आबादी भी शामिल है।
24 फरवरी को देहरादून में बड़ी रैली का आयोजन इस मुद्दे पर किया जा रहा है। यह तिथि इसलिए भी हम है कि यह तारीख उत्तराखंड राज्य आंदोलन के प्रणेता इंद्रमणि बडोनी की जयंती दिवस भी है। पदोनी की जयंती पर अब सुलग रही सवाल विशाल बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उत्तराखंड के तमाम ऐसे आंदोलनकारी भी इस मूवी में शामिल हो रही है जो राज्य बनने के बाद घरों में सीमेंट कर रह गई थी। उनका मानना था कि अब राज्य बन गया है। लेकिन राज्य की दशा और दिशा लगातार खराब हो रही है ऐसे में सभी राज्य आंदोलनकारी और नई पीढ़ी भी एक होकर मुठिया तारने की ओर बढ़ रही है। तमाम संगठन बिना लाख लपेट के 24 दिसंबर को देहरादून के परेड ग्राउंड में एकत्रित हो रहे हैं। यह जमावड़ा और प्रदर्शन सफल रहा तो राज्य में आंदोलन की एक नई जमीन तैयार होगी। लड़ाई की यह जमीन अपनी जमीन बचाने और मूल निवास के मुद्दे को लेकर किसी निर्णायक मोड़ पर जरूर पहुंचेगी। इसी एवं के साथ उत्तराखंड के आम जनमानस से गढ़ गायक नरेंद्र सिंह नेगी भी लोगों को बड़ी तादाद में 24 दिसंबर को देहरादून पहुंचने का आगमन कर रहे हैं। हालांकि इसे लेकर पहाड़ के जनपदों में ज्यादा हलचल तो नहीं दिख रही है लेकिन लोगों में यह बात जरूर घर कर रही है कि मूल निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता होने के साथ ही जमीन बचाने के लिए सशक्त भू कानून जरूर बन जाना चाहिए। हालांकि यह लड़ाई अभी सोशल मीडिया पर दिख रही है लेकिन आने वाले समय में यह आकर लेकर सड़कों पर जरूर दिखेगी ऐसा लोगों के मन में उबाल आ रहा है।