ऋषिकेश:
NAMS के तत्वावधान में महिला वैज्ञानिकों के सम्मान के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने कहा कि यह कार्यक्रम विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में महिलाओं द्वारा दिए गए महति योगदान देने वाली महिलाओं का एक उल्लेखनीय उत्सव है। इस दौरान उन्होंने विज्ञान व चिकत्सा क्षेत्र में उललेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सम्मेलन का मुख्य अतिथि साध्वी भगवती सरस्वती, मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ. दिगंबर बेहरा, एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, डीन एकेडमिक प्रोफेसर डॉ. जया चतुर्वेदी व चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. संजीव मित्तल ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
सम्मेलन में मुख्यवक्ता प्रो. (डॉ.) दिगंबर बेहरा ने प्रेरक व्याख्यान में विज्ञान एवं चिकित्सा क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को उल्लेखनीय व उपलब्धिपूर्ण बताया, उन्होंने स्वास्थ्य सेवा के उभरते परिदृश्य पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की।
मुख्य अतिथि साध्वी भगवती सरस्वती ने उपचार और आध्यात्मिक सेवा पर प्रेरणाप्रद संबोधन दिया, उन्होंने चिकित्सक को ईश्वर तुल्य बताया, कहा कि दीन दुखियों की सेवा ईश्वरीय सेवा ही है।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने एनएसएमएस द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि विज्ञान एवं चिकित्सा के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान व सतत सक्रिय कार्यों के लिए उनका सम्मान व प्रोत्साहन नितांत आवश्यक हैं।
कार्यक्रम में विज्ञान के प्रति महिलाओं के समर्पण और योगदान के लिए डॉ. प्रज्ञा यादव, डॉ. सविता मल्होत्रा और डॉ. शेफाली गुलाटी को सम्मानित किया गया।
सम्मेलन की अध्यक्षता एनएएमएस के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) शिव कुमार सरीन ने की, उन्होंने कहा कि चिकित्सा व वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में पुरुषों के समकक्ष महिलाओं का समान योगदान है, लिहाजा संस्थागत स्तर पर उनके प्रोत्साहन के लिए खासतौर पर सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए आयोजन समिति के प्रयासों की मुक्तकंठ से सराहना भी की।
इस अवसर पर संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, एमएस प्रोफेसर संजीव मित्तल, आयोजन समिति की सदस्य डॉ. वंदना ढींगरा, डॉक्टर राजलक्ष्मी, डॉ. भावना गुप्ता, डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. ओसामा, डॉ. प्रदीप अग्रवाल, डॉ. अनीश गुप्ता, डॉ. मधु प्रिया, डॉ. बेला के अलावा प्रो. मनोज गुप्ता, प्रो. प्रशांत पाटिल, प्रो. वर्तिका सक्सेना, प्रो. शैलेंद्र हांडू, डॉ. नम्रता गौर, डॉ. मिर्जा, डॉ. नवीन कंसल, डॉ. योगेश बहुरूपी आदि मौजूद थे।