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बालिका विद्यालय में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन

मेहंदी से हमारा आध्यात्मिक संबंध : डॉ लीना मिश्र

श्रावण मास में विविध त्यौहार प्रारंभ हो जाते हैं जिसमें मेहंदी के धानी रंग की बड़ी महत्ता होती है। मेहंदी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है।यह मात्र सजावट नहीं है बल्कि एक एक आध्यात्मिक अलंकरण है, शुभ शगुन, प्रेम, खुशी एवं पारिवारिक सौहार्द का प्रतीक है। साथ ही इसका उपयोग औषधि एवं अन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है।

इन बातों को बताते हुए बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज मोतीनगर की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने कहा कि मेहंदी लगाने की कला, जिसे हिना भी कहा जाता है, पाकिस्तान, भारत, अफ्रीका और मध्य पूर्व में 5000 से भी ज़्यादा सालों से प्रचलित है।

इसका इस्तेमाल मूल रूप से इसके प्राकृतिक शीतलता गुणों के कारण गर्म रेगिस्तानी जलवायु में रहने वाले लोगों के लिए किया जाता था। इससे एक लेप बनाया जाता था जिसमें हाथों की हथेलियाँ और पैरों के तलवे भिगोए जाते थे। इसका इस्तेमाल औषधीय प्रयोजनों के लिए भी किया जाता था और पेट दर्द, जलन, सिरदर्द और खुले घावों जैसी बीमारियों के इलाज के लिए इसे त्वचा पर लगाया जाता था।

बाद में इसके सुंदर और काफी समय तक बने रहने वाले छापों के कारण इसे उत्सवधर्मिता से जोड़ दिया गया और वर्षपर्यंत इसका प्रयोग होने लगा, पर अपने हरे या कहें धानी रंग के कारण सावन में इसका महत्व बढ़ गया और कजरी गाते हुए इसे लगाया जाने लगा।

मेहंदी की इसी महत्ता को समझते हुए बालिका विद्यालय में आज लायंस क्लब लखनऊ सुरभि के सहयोग से मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की लगभग 60 छात्राओं ने पूरे जोश से प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम का आयोजन रागिनी यादव एवं मीनाक्षी गौतम के निर्देशन में हुआ। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने लायंस क्लब की सेक्रेटरी सुमिता उप्रेती का विद्यालय में स्वागत किया। छात्राओं ने बहुत ही आकर्षक मेहंदी के पैटर्न्स बनाए।

कार्यक्रम में पूनम यादव, ऋचा अवस्थी, अनीता श्रीवास्तव, माधवी सिंह, मंजुला यादव और रितु सिंह ने भी छात्राओं को प्रोत्साहित किया। सीनियर वर्ग में कक्षा 12 की पलक प्रथम, कक्षा 9 की शहजादी द्वितीय, कक्षा 10 की रोशनी तिवारी तृतीय स्थान पर रही तथा कक्षा 11 की संध्या और कक्षा 9 की इब्रा को सांत्वना पुरस्कार मिला। दूसरी तरफ जूनियर वर्ग में कक्षा 8 की खुशी खातून प्रथम, अनामिका द्वितीय, श्वेता तृतीय स्थान पर रही और कक्षा 8 की ही वंदना और अंशिका शाह को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ। सुमिता उप्रेती जी ने छात्राओं को पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के उपाय के बारे में भी जानकारी दी। इसके पश्चात् उन्होंने छात्राओं को पुरस्कारों से सम्मानित किया।

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