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पहाड़ों पर मंडराया खतरा: लगातार बारिश से गांवों में दरारें, 520 सड़कें बंद

29 पुल क्षतिग्रस्त, कई गांवों में प्रशासन ने कराई लोगों की सुरक्षित निकासी

देहरादून। राज्य में लगातार हो रही भीषण बारिश ने पहाड़ों पर बड़ा खतरा खड़ा कर दिया है। चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिलों के कई गांवों में जमीन धंसने लगी है। घरों की दीवारों और ज़मीन में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं।

हालात इतने बिगड़ गए हैं कि दहशत में कई ग्रामीण रातों-रात अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए, जबकि कई गांवों में प्रशासन ने ही लोगों को घर खाली कराने के निर्देश दिए हैं। स्थिति और गंभीर इसलिए हो गई क्योंकि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत कई महत्वपूर्ण सड़कें धंसकर बंद हो गई हैं।

15 सितंबर से गड्ढा मुक्त सड़कों का अभियान

प्रदेश सरकार ने 15 सितंबर से सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान शुरू करने की घोषणा की है। लोक निर्माण विभाग (PWD) के प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा के अनुसार, विभाग ने इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली है और 31 अक्तूबर तक सभी सड़कें गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

PWD सचिव पंकज पांडेय ने बताया कि बंद सड़कों को उसी दिन खोलने का लक्ष्य तय है, लेकिन लगातार भारी बारिश के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है। विभाग की टीमें लगातार काम कर रही हैं, मगर बारिश रुकने के बाद खुली सड़कें फिर से धंस रही हैं।

प्रदेश में 520 सड़कें बंद

लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में प्रदेश में कुल 520 सड़कें बंद हैं। इनमें –
• राष्ट्रीय राजमार्ग – 5
• राज्य मार्ग – 27
• मुख्य जिला मार्ग – 17
• अन्य जिला मार्ग – 8
• ग्रामीण मार्ग – 164

जिला स्तर पर सबसे ज्यादा अल्मोड़ा (86), पौड़ी (71), उत्तरकाशी (65), चमोली (53) और पिथौरागढ़ (51) में सड़कें बंद हैं। बंद सड़कों को खोलने के लिए 779 मशीनें तैनात की गई हैं।

29 पुल क्षतिग्रस्त

बारिश और आपदा से सड़कों के साथ ही पुलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। अब तक 29 पुल आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा उत्तरकाशी जिले के 10 पुल शामिल हैं। इसके अलावा एक राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के 18 पुल क्षतिग्रस्त बताए गए हैं।

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