उत्तराखंड

गुरुवर नमोस्तु, नमोस्तु, नमोस्तु स्वरलहरी से गूंजा टीएमयू का ऑडी

पर्वाधिराज दशलक्षण महोत्सव पर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में भगवान आदिनाथ का गर्भ एवम् जन्मकल्याणक नाटय प्रस्तुति में यूनिवर्सिटी की जैन फैकल्टीज़ के जबर्दस्त परफॉर्मेंस ने जीता मेहमनों समेत श्रावक-श्राविकाओं को दिल, उत्तम आकिंचन्य पर रिद्धि-सिद्धि भवन में भजनों पर श्रावक-श्राविकाएं भक्ति नृत्य में हुए लीन

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में पर्वाधिराज दशलक्षण महोत्सव पर सांस्कृतिक संध्या जैन फैकल्टीज़ के नाम रही। भगवान आदिनाथ का गर्भ एवम् जन्मकल्याणक नाटय प्रस्तुति में यूनिवर्सिटी के जैन गुरुजनों ने अपने जबर्दस्त परफॉर्मेंस एवम् परिधानों से ऑडी में मौजूद ख़ास मेहमानों समेत सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं का दिल जीत लिया। उल्लेखनीय है, भगवान आदिनाथ जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर हैं। इन्हें भगवान ऋषभदेव के नाम से भी जाना जाता है। वीसी प्रो. वीके जैन ने बेहद आकर्षक वेशभूषा में सौधर्म इन्द्र की भूमिका निभाई। इससे पूर्व जीवीसी श्री मनीष जैन, श्रीमती ऋचा जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन, ब्रहमचारिणी डॉ. कल्पना जैन, प्रो. एसके जैन, श्री मनोज जैन ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवम् माल्यापर्ण करके इस कल्चरल ईवनिंग का शंखनाद किया, जबकि भगवान आदिनाथ का गर्भ एवम् जन्मकल्याणक प्ले का लेखन एवम् निर्देशन चीफ वार्डन श्री विपिन जैन ने किया। ऑडी भगवान आदिनाथ के जयकारों से बार-बार गूंजायमान हो उठा। श्रावक-श्राविकाओं में नाटक के हर दृश्य को अपने मोबाइल्स में कैद करने की होड़ अंत तक लगी रही। बहुरंगी लाइट्स के बीच मंच की भव्यता देखते ही बन रही थी। डॉ. करुणा जैन ने शची इन्द्राणी, श्री आदित्य जैन ने राजा नाभिराय, श्रीमती निकिता जैन ने रानी मरुदेवी, डॉ. रत्नेश जैन ने कुबेर इंद्र, डॉ. विनोद जैन ने महेंद्र इंद्र, प्रो. प्रवीन कुमार जैन ने सनत इंद्र, प्रो. विपिन जैन ने ईशान इंद्र, डॉ. आशीष सिंघई, डॉ. अक्षय जैन और श्री सार्थक जैन ने कल्पवासी इंद्र की मुख्य भूमिका निभाई। इनके अतिरिक्त एक दर्जन से अधिक महिला फैकल्टीज़ देवी, सखी आदि की भूमिकाओं में नज़र आईं। करीब दो घंटे के इस भक्तिमय नाटक ने गर्भ से लेकर जन्मकल्याणक तक श्रावक-श्राविकाओं को बांधे रखा।

पर्वाधिराज दशलक्षण महामहोत्सव के नौवें दिन उत्तम आकिंचन्य पर प्रतिष्ठाचार्य श्री ऋषभ जैन शास्त्री के सानिध्य में नवदेवता पूजन सोलहकारण पूजन, दशलक्षण पूजा विधि-विधान के साथ हुए। प्रथम स्वर्ण कलश से श्री अमन जैन, द्वितीय स्वर्ण कलश से श्री शशांक जैन, तृतीय स्वर्ण कलश से श्री रितिक जैन, चतुर्थ स्वर्ण कलश से आदित्य डॉ. रत्नेश जैन को अभिषेक का सौभाग्य मिला। प्रथम स्वर्ण शांतिधारा का पुण्य श्री अमन जैन, श्री प्रयास जैन, श्री श्रीश जैन, श्री अभिषेक जैन, श्री अर्पित जैन, श्री मुनीश जैन, श्री संस्कार जैन, श्री सर्वज्ञ चौधरी, श्री विनायक जैन ने कमाया। द्वितीय रजत शांतिधारा का सौभाग्य श्री पवन जैन, श्री अमन जैन, श्री नमन जैन को मिला। अष्ट कुमारी का पुण्य तनिएका, मुस्कान, शगुन, आस्था, श्रेया, झलक, दिव्यांशी, दिशा जैन ने कमाया। तत्वार्थ सूत्र के नौवें अध्याय का वाचन श्री अन्वेष जैन ने किया। उत्तम आकिंचन्य धर्म पर कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, श्रीमती ऋचा जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन, श्रीमती जाह्नवी जैन आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही। दूसरी ओर रिद्धि-सिद्धि भवन में भोपाल की सचिन एंड पार्टी के भजनों- जीवन है पानी की बूंद, कब मिट जाए रे…, आए हम पुजारी तेरी शरण में, प्रभु की शरण में रोज-रोज…, हम तुम्हारे द्वारा आएंगे पूजा करेंगे…, ओ मेरी किस्मत-किस्मत खुल गई रे प्रभु चरणों में आकर, मेरी चांदी-सोना हो गई रे तेरे चरणों में आकर…, लाज मेरी तू रख हो कुंडलपुर के बड़े बाबा…, दुनिया के अंदर आपका पहला नंबर…, जिनके चरणों में हम गाते रहे, गुनगुनाते रहे, यह बता दो हमें तुम वही तो नहीं…, मेरा मन यह पुकारे, तू आजा हो त्रिशला के दुलारे तू आजा…, प्रभु की महिमा अपरंपार का सच्चा है दरबार, बोलो उनकी जय जयकार, सच्चा है दरबार… पर श्रावक-श्राविकाएं भक्ति में नृत्य में झूमने लगे।

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