
देहरादून। उत्तराखंड में आई आपदा ने 5125 गांवों में भारी तबाही मचाई है। राहत कार्यों से जीवन पटरी पर लौट रहा है, लेकिन आपदा का डर अभी भी लोगों के दिलों में बना हुआ है। यह आपदा सिर्फ धराली-थराली तक सीमित नहीं रही, बल्कि चमोली, पौड़ी, टिहरी, देहरादून समेत कई जिलों में असर छोड़ गई।
सबसे ज्यादा नुकसान चमोली जिले में हुआ, जहां 1697 गांव आपदा से प्रभावित हुए। इसके बाद पौड़ी गढ़वाल में 915, टिहरी गढ़वाल में 593 और देहरादून में 512 गांव प्रभावित हुए। हरिद्वार में भी 166 गांवों में आपदा से तबाही देखने को मिली। सरकार ने राहत व पुनर्वास कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में आपदा से निपटने की तैयारी अभी पर्याप्त नहीं है।
बिजली ढांचे को भी भारी नुकसान
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) को भी आपदा से बड़ा झटका लगा है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कुल 1070 किलोमीटर विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हुई, 5988 पोल बह गए और 419 ट्रांसफार्मर जलप्रवाह में बह गए या खराब हो गए। अनुमानित नुकसान 5171 लाख रुपये तक पहुंच गया है।
धराली-थराली में सबसे ज्यादा असर
धराली और थराली क्षेत्र में बिजली व्यवस्था सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। थराली में 37 किलोमीटर लाइन और 228 पोल क्षतिग्रस्त हुए। यहां 318 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित रही। धराली में 14 किलोमीटर लाइन और 84 पोल खराब हुए, जिससे नौ गांवों में आपूर्ति ठप हो गई।