उत्तरकाशी से लौटकर रमेश कुड़ियाल की रिपोर्ट
उत्तरकाशी। आदर्श रामलीला समिति उत्तरकाशी की ओर से आयोजित रामलीला का मंचन इस बार कई मायनों में लंबी लकीर खींच गया। समिति की ओर से सात दशकों के इतिहास में पहली बार लीला का मंचन गढ़वाली बोली-भाषा में किया गया, वहीं विभिन्न गांवों के महिला मंगल दलों की ओर से भी लोकसंस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई। खास बात यह भी रही कि रामलीला का सीधा प्रसारण यूट्यब के जरिये किया गया। जिसे देश और दुनिया के दो लाख से अधिक लोगों ने देखा। रामलीला का खास पहलू यह भी रहा कि महिला पात्रों का अभिनय महिलाओं ने ही किया। यह भी उल्लेखनीय रहा कि रामलीला के पति-पत्नी का अभिनयवास्तविक रूप से पति-पत्नी ने ही किया। यह अपने आप में अनोखा प्रयोग रहा। दर्शकों और व्यवस्थ्ज्ञाओं के लिहाज से भी रामलीला के मंचन ने आने वाले समय के लिए बड़ी लकीर खींच दी है।
रामलीला का मंचन अनेक स्थानों पर वर्षों से होता आ रहा है। उत्तरकाशी में भी सत्तर वर्षों सेलीला का मंचन हो रहा है। बीच में स्थिति यहआ गई थी कि न तो ठीक से व्यवस्था होती थी और ना ही दर्शक जुटते थे। ऐसे में लीला के मंचन के औचित्य पर भी सवाल उठने लगे थे। लेकिन कुछ वर्षों से इसकी तस्वीर बदल गई है।अब यहां रामलीला का मंचन भव्य एवं दिव्य हो गया है। आयोजकों में से जयेंद्र पंवार सहित अन्य लोगों ने इसे लोक मानस कोजोड़ने का अद्भुत काम किया है। गांव से महिला मंगल दलों को सम्मानित करना और उनकी ओरसे लोकसंस्कृति पर आधारित कार्यक्रमोंकी प्रस्तुति देने से लोग रामलीला मैदान में बड़ीसंख्या में उमड़ते हैं। यह स्थिति भी तब हैजबकि इसका सीधा प्रसारण यू-टयूब के जरियेकिया गया। जिसे देश और दुनिया के दो लाख से अधिक लोगों ने देखा।
इन पति-पत्नी ने निभाई पति-पत्नी की भूमिका
उत्तरकाशी की रामलीला में एक अच्छा प्रयोग यह हो रहा है कि लीला के पति-पत्नी की भूमिका वास्तिवक पति-पत्नी निभा रहे हैं। इस बार विजय चौहान ने राजा जनक और उनकी पत्नी ने सुनयना का रोल किया जबेकि शबरी का अभिनय उनकी बहन ने किया। इससे पहले शांति प्रसाद भट्ट राजा जनक और उनकी पत्नी प्रमिला सुनयना का अभिनय कर चुकी हैं। उन्होंने तो अपने घर का नाम ही जनक पुरी रखा है। वह जब तक जनक का अभिनय करते रहे तब तक उनके घर में ही राम विवाह का कार्यक्रम संपन्न होता रहा। उत्तरकाशी की रामलीला में महिला पात्रों का अभिनय करनेवालों में उषा पंचोला, पूजा पंचोला ढोडी, गंगा डोबरा, पूजा,ललिता पंवार, वंदना रावत, मानिका नेगी आदि प्रमुख हैं।
उत्तराखंड गढ़ गौरव सम्मान से नवाजा
समिति की ओर से कुछ वर्षों से कई लबध प्रतिष्ठित लोगों को उत्तराखंड गढ़ गौरव सम्मान से भी सम्मानित किया जा रहा है। इस कड़ी में इस वर्ष उत्तराखंड के पहले स्पाइनल सर्जन डाक्टर प्रियंक उनियाल , कवियत्एरी ममता जोशी लोकगायिका रेशमा शाह को सम्मानित किया।
इन्होंने बदला रामलीला का स्वरूप
गजेंद्र मटूडा अध्यक्ष, उमेश बहुगुणा,रमेश चौहान, ब्रह्मानंदनौटियाल, भूपेश कुड़ियाल, अरविंदराणा, अजय बडोला पुष्पा बहुगुणा,उषा चाहान,अनीताराणा, विमला जुयाल सहित कई लोग शामिल हैं। डाक्टर तस्दीक खान भी रामलीला के आयोजन में अहम भूमिकानिभाते हैं। वह हर वर्ष अशोक वाटिका के लिए कई कुंतल फलों की व्यवस्था करते हैं।जबकि डाक्टर महेंद्रपाल सिंह परमार ने पांचव र्षों तक रामलीला के मंचन के दौरान पात्रों के भोजन का जिम्मा लिया है।