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देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना के लिए 1979 में घंटाघर देहरादून में 23 दिन आमरण अनशनकरने वाले तब के युवा तुर्क नेतास्वामी दर्शन भारती ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर देने के लिए कुछ नहीं है। हमने ऐसा राज्य नहीं मांगा था,।जिस राज्य में बाहरी माफियाओं भ्रष्टाचारियों इस्लामिक कट्टरपंथियों का बोलबाला हो। जब बाहरी ताकतें आपके प्रदेश की राजनीति में अफसरशाही में हावी हो जाएंगी फिर कैसे बचेगा
दर्शन भारती कहते हें कि आज उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवसपर यहसोचने की जरूरत है कि हमने क्या खोया क्या पाया । कहते हैं मुझे लगता है हमने खोया ही खोया है। क्योंकि उत्तराखंड राज्य का निर्माण पहाड़ों में पहाड़ वासियों को बसाने के लिए हुआ था । उस पहाड़ के गांव के हाल के बारे में आप भली-भांति परिचित हैं । उत्तराखंड राज्य बनने के बाद जगह-जगह मस्जिदें मजार मदरसा नजर आ रहे हैं। लव जिहाद के नाम पर हमारी बहन बेटी की अस्मिता से खेला जा रहा है । लैव जिहाद के नाम पर कट्टरपंथियों को बड़ी संख्या में उत्तराखंड में बसाया जा रहा है स्मैक जिहाद के नाम पर हमारे नौजवानों को अपंग बनाया जा रहा है ।