स्पष्ट किया जाना है कि यह भारत विकास एवं शिक्षण संस्थान के अन्तर्गत १० लोगों के द्वारा गठित स्वयं सहायता समूह के द्वारा आर्थिक उन्नति एवं रोजगार सृजन के उद्देश्य से सहकार भारती के मूल मंत्र – ‘बिन संस्कार नहीं सहकार। बिन सहकार नहीं उद्धार।।’ की परिकल्पना को अन्य लोगों को प्रेरित करने के लिए एक माडल के रुप में प्रस्तुत करने का प्रयास है। संयोग से इसके सभी सदस्य सहकार भारती महानगर देहरादून के सदस्य भी हैं। प्रारम्भिक स्तर पर इस पर समूह के सदस्यों के स्वयं की धनराशि से इसे तैयार किया जा रहा है। अन्य सदस्यों को इस परियोजना में आकर्षक ब्याज, इसके उत्पादों एवं संचालित प्रकल्पों के मूल्य या देर शुल्क में भारी रियायत जाने की आकर्षक योजना के अन्तर्गत आर्थिक निवेश हेतु आमंत्रित किया जाएगा। बैठक में सहकारी भारती महानगर देहरादून की ओर से उत्तराखण्ड के विभिन्न स्वयं सहायता समूह संचालकों की एक बैठक मार्च के प्रथम सप्ताह में कराये जाने पर विचार किया जा रहा है। सहकार भारती महानगर देहरादून के सभी सदस्यों एवं स्वयं सहायता समूह संचालकों को इसकी जानकारी समय पर दी जाएगा।
बैठक में मणिराम नौटियाल, नत्थी सिंह राणा, डा० राकेश चन्द्र डंगवाल, नरेश चन्द्र कुलाश्री, डा० हरीश रावत, सुधीर जोशी एवं विवेकानंद पन्त ने प्रतिभाग किया एवं सभी सदस्यों ने कार्यों की प्रगति पर संतोष ब्यक्त करते हुए अपने विचार रखे। अन्त में नरेश चन्द्र कुलाश्री ने बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों का आभार एवं धन्यवाद दिया गया। बैठक में प्रज्ञा भारद्वाज और सुधीर जोशी ने भी प्रतिभाग किया और सभी लोगो को अगली बैठक में अपने अपने प्रोजेक्ट का सही और सुंदर प्रारूप लाने की लिए आग्रह किया।