
उत्तरकाशी। श्री आदर्श रामलीला समिति (रजि०) उत्तरकाशी द्वारा आयोजित ऐतिहासिक रामलीला के अंतर्गत रविवार को राम–सीता विवाह प्रसंग का मंचन किया गया। श्रीरामचंद्र जी के पाणिग्रहण संस्कार और जनकपुर से अश्रुपूरित विदाई ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक चौपाइयों के पाठ के साथ हुई। मंच पर प्रस्तुत राम राज्याभिषेक विचार, कैकई–मंथरा संवाद तथा जनकपुर से विदाई जैसे प्रसंगों को जीवंत अभिनय के माध्यम से दर्शाया गया।
कलाकारों का सशक्त अभिनय
राम की भूमिका आयुष पंवार, सीता का अभिनय निकिता, लक्ष्मण की भूमिका अजय मखलोगा और विश्वामित्र का किरदार सावन पंवार ने निभाया। राजा दशरथ के रूप में विजय चौहान, कौशल्या के रूप में दुर्गा रांगड़ और कैकई के रूप में रेनू डोभाल ने मंच पर जान डाल दी।
विशेष आकर्षण
समिति ने बताया कि इस बार का मुख्य आकर्षण 3 अक्टूबर को होगा, जब केदार घाटी मंडाण ग्रुप, गुप्तकाशी की महिला कलाकारों द्वारा आचार्य कृष्णानंद नौटियाल के निर्देशन में वीर अभिमन्यु गढ़वाली चक्रव्यूह नाटक का मंचन पहली बार रामलीला मैदान में किया जाएगा।
सम्मान और अतिथि
इस अवसर पर नगर पालिका परिषद चिन्यालीसौड़ के अध्यक्ष मनोज कोहली श्याम, समाजसेवी सुमन बडोनी और कमल नौटियाल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में भगवती प्रसाद नौटियाल (ग्राम साल्ड) और पारसमणी भट्ट (ग्राम चुंगी बड़ेथी) को उत्तरकाशी गौरव सम्मान 2025 से, जबकि ग्राम सभा भुक्की महिला मंगल दल को नारी शक्ति वंदन सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया।
समिति की भूमिका
रामलीला समिति के संरक्षक ब्रह्मानंद नौटियाल (राष्ट्रपति पुरस्कृत), अध्यक्ष गजेंद्र सिंह मटूड़ा, महासचिव विजय प्रकाश भट्ट, कोषाध्यक्ष अरविंद सिंह राणा, प्रबंधक भूपेश कुड़ियाल समेत सभी पदाधिकारियों व सहयोगियों ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
74 वर्षों से निरंतर हो रहा यह मंचन इस बार गढ़वाली बोली–भाषा में पाँचवीं बार आयोजित किया जा रहा है, जो सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और प्रचार–प्रसार का प्रतीक है।