उत्तराखंड

दून पुस्तकालय में अभिनेत्री राइमा सेन देव वर्मा के साथ एक बातचीत और चोखेर बाली फ़िल्म का प्रदर्शन

देहरादून: दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में आज शाम बांग्ला फिल्मों की अभिनेत्री राइमा सेन देव वर्मा के साथ एक खास बातचीत संस्थान के सभागार में असयोजित की गई। इस बातचीत में उन्होंने अपनी फ़िल्म यात्रा और चोखेर बाली की रचना को दीपांजलि सिंह और निकोलस के साथ शानदार ढंग से साझा की।

दीपांजलि सिंह और निकोलस ने राइमा सेन देव वर्मा से चोखेर बाली के बारे में कई महत्वपूर्ण सवाल भी किये कि इस परियोजना की शुरुआत कैसे हुई? और कैसे काम शुरू हुआ? रितुपर्णो की प्रीफिल्म प्रक्रिया क्या थी और उन्होंने आपको उसका किरदार निभाने के लिए कैसे कहा। इसके साथ ही एवरा शूटिंग के दिनों के बारे के अलावा और भी कई बिंदुओं पर
सवाल किये गए।

उल्लेखनीय है कि राइमा सेन का जन्म बॉम्बे (अब मुंबई) में मुनमुन सेन और भा देव वर्मा के घर हुआ था और वह अभिनेत्री सुचित्रा सेन की पोती हैं जिन्हें बंगाली सिनेमा की महानायिका माना जाता है। उनकी बहन रिया सेन भी बॉलीवुड इंडस्ट्री में हैं। उनके पिता भारत देव वर्मा त्रिपुरा के शाही परिवार के सदस्य हैं।

उनकी दादी इला देवी कूच बिहार की राजकुमारी थीं, जिनकी छोटी बहन गायत्री देवी जयपुर की महारानी थीं। उनकी परदादी इंदिरा बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय की बेटी थीं। राइमा के नाना आदिनाथ सेन कोलकाता के एक प्रमुख व्यवसायी थे, जिनके बेटे दीनानाथ सेन पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अशोक कुमार सेन के रिश्तेदार थे, जो महाराजा त्रिपुरा के दीवान या मंत्री थे। बहनों को स्क्रीन पर उनकी माँ के पहले नाम से दिखाया गया है, हालाँकि उनके आधिकारिक कागजात में उपनाम देव वर्मा है।

कार्यक्रम से पूर्व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के निदेशक श्री एन रवि शंकर ने राइमा देवसेन वर्मा और उपस्थित लोगों का स्वागत किया।

कार्यक्रम में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, मेघा विल्सन, सुंदर बिष्ट, बिजू नेगी, अतुल शर्मा,शैलेन्द्र नौटियाल, ललित मोहन लखेड़ा, जगदीश बाबला व दयाशंकर अरोड़ा सहित फ़िल्मप्रेमी,साहित्यकार, लेखक और अन्य लोग उपस्थित थे।

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