उत्तराखंड

टीएमयू में पराक्रम दिवस पर भाषण में बीडीएस की प्र्रेमी पूर्णिमा अव्वल

तीर्थंकर महावीर डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, मुरादाबाद के स्टुडेंट्स ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस युवाओं का रोल मॉडल बताते हुए कहा, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। दिल्ली चलो… जैसे नारों से युवाओं के मन क्रांति का बीजारोपण किया। पराक्रम दिवस युवाओं को यह बताता है, देश के संघर्ष में कोई भी बलिदान छोटा नहीं होता है।

युवाओं को अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए। पराक्रम दिवस हमें याद दिलाता है, देश की एकता के लिए यह दिन अति महत्वपूर्ण है। डेंटल स्टुडेंट्स ने नेताजी का भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा, नेताजी ने पहली बार अंडमान में स्वतंत्र भारत का झंड़ा फहराया था। यह मानना है, पराक्रम दिवस पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले डेंटल स्टुडेंट्स का।

पराक्रम दिवस पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में बीडीएस इंटर्न डॉ. प्रेमी पूर्णिमा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डेंटल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. प्रदीप तांगडे, वाइस प्रिंसिपल डॉ. अंकिता जैन, एनएसएस कोर्डिनेटर डॉ. उपेन्द्र मलिक शामिल रहे। संचालन बीडीएस फाइनल ईयर की स्टुडेंट्स वंशिका त्यागी ने किया।

भाषण प्रतियोगिता से पूर्व डेंटल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. प्रदीप तांगडे और वाइस प्रिंसिपल डॉ. अंकिता जैन ने डेंटल स्टुडेंट्स की हौसलाफजाई करते हुए कहा, जंग-ए-आजादी में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की अविस्मरणीय भूमिका रही है। उन्होंने देश और विलायत में जा-जाकर हिंदुस्तानियों को मोटिवेट किया। नेताजी के सपनों और संघर्षों का ही प्रतिफल है कि हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं।

उन्होंने छात्रों से आहवान किया, वे नेताजी के बताए रास्तों का अनुसरण करें। भाषण प्रतियोगिता में बीडीएस फाइनल ईयर की स्टुडेंट्स वंशिका त्यागी सेकेंड स्थान पर रहीं, जबकि बीडीएस फाइनल ईयर के हृदेश सुरेका थर्ड स्थान पर रहे। कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के एनएसएस कोर्डिनेटर डॉ. रत्नेश जैन के संग-संग बीडीएस अंतिम वर्ष और इंटर्न शामिल रहे।

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