
बसुंधरा
देहरादून।नमन करती हूं पहाड़ की इस बेटी के जज्बे को जो लगातार संघर्षो के बाबजूद तीलू और अब टिंचरी माई को जीवंत कर आने वाली पीढ़ी से रूबरू करवा रही है,वरना आज वर्तमान समाज इनके बलिदान को भूल चुका है, सिर्फ जन्मदिवस पर याद करके औपचारिकता निभाई जा रही है।
टिंचरी माई ने उस दौर में शराब मुक्त उत्तराखण्ड की लौ जलाई आंदोलनरत रही, आज वही शराब नशा पतन का कारण बनी काश आज भी मातृशक्ति समझ पाती इस बुराई के खिलाप लड़ पाती
आपके इस अथक प्रयाश और सरहनीय कार्य हेतु कोटि कोटि आभार व्यक्त करती हूं भूली
टिंचरी माई ने उस दौर में शराब मुक्त उत्तराखण्ड की लौ जलाई आंदोलनरत रही, आज वही शराब नशा पतन का कारण बनी काश आज भी मातृशक्ति समझ पाती इस बुराई के खिलाप लड़ पाती
आपके इस अथक प्रयाश और सरहनीय कार्य हेतु कोटि कोटि आभार व्यक्त करती हूं भूली
बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
