रैथल गांव निवासी मृतक गाइड विपेन्दर राणा का शव नहीं पहुंचा घर, रेस्क्यू के लिए सेना के हेलीकाप्टर की मांग

उत्तराखंड सरकार व स्थानीय प्रशासन से निवेदन है कि विगत 4 जून को हिमालय क्षेत्र के कालिंदी ट्रेक पर निकले 35 सदस्यीय ट्रेकिंग दल के साथ शामिल एक स्थानीय गाइड रैथल गांव निवासी विपेन्दर राणा की हार्ट अटैक से असमय मृत्यु हुई है। जिस कारण दल के सभी सदस्य सकुशल बेस कैंप वापस लौट आए। जबकि मृतक गाइड विपेन्दर का शव इतने दिन बाद भी वहीं पड़ा है।
अब इसे शासन प्रशासन की लापरवाही कहें या मानवीय संवेदनाओं की कमी कि आज दिनांक तक भी इस खबर को लेकर शासन प्रशासन मे कोई हलचल नहीं है। अभी तक किसी भी प्रकार की हेलीकाप्टर रेस्क्यू कार्यवाही नहीं की गई है। जानकारी मिली है कि शव को लाने घटनास्थल के लिए वन विभाग व SDRF की टीम आज मंगलवार को रवाना हुई है। जबकि स्थानीय ट्रेकिंग एजेंसी के संचालक मनोज रावत द्वारा अपने स्तर से हर प्रकार की कोशिश की गई, उनके द्वारा पोर्टर व गाइड पहले ही घटनास्थल के लिए भेजे गये है।
विडंबना देखिये आजकल VIP के आवभगत मे लगे स्थानीय प्रशासन को एक गरीब व्यक्ति के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द उनके परिजनों के सुपुर्द करने मे इतने दिन का समय लग रहा है जबकि कोई VIP होता तो अभी तक न जाने कितनी हाय तौबा मच जाती।
हिमालय क्षेत्र में ट्रैकिंग, पर्वतारोहण में दुर्घटनायें चिंताजानक है , इस संवेदनशील समय पर सरकार को भी स्थानीय ट्रेकिंग व्यवसाइयों के लिये त्वरित रेस्क्यू टीम भेजी जानी चाहिए, हेलिकॉप्टर केवल vip के लिये हो ऐसा भेदभाव नही होना चाहिए। रैथल गांव के लोग आपके द्वार पहुँच रहे है।। कुछ तो मदद कीजिये।।
हमारा माननीय मुख्यमंत्री जी व स्थानीय प्रशासन से अनुरोध है कि इस दुःखद घड़ी मे स्थानीय गाइड के रेस्क्यू के लिए सेना के हेलीकाप्टर की मदद लेकर जल्द से जल्द परिजनों के सुपुर्द किया जाए ।