उत्तराखंड

स्टुडेंट्स को मानवीय मूल्यों की शिक्षा भी जरूरी: प्रो. अनुपम

भारतीय ज्ञान प्रणाली के टीएमयू सेंटर में शिक्षा के माध्यम से मूल्यों के समावेश पर हुई एफडीपी

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के भारतीय ज्ञान प्रणाली- आईकेएस सेंटर की ओर से शिक्षा के माध्यम से मूल्यों का समावेशः भारतीय ज्ञान प्रणाली के संदर्भ में चर्चा पर हुई फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम- एफडीपी में टीएमयू आईकेएस सेंटर के प्रोफेसर चेयर डॉ. अनुपम जैन ने बतौर मुख्य वक्ता भारतीय ज्ञान परंपरा की वैज्ञानिकता, व्यावहारिकता और समसामयिक उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डालते कहा, शिक्षा में मूल्यों का समावेश करके ही एक सशक्त समाज और राष्ट्र की नींव रखी जा सकती है। तेजी से बदलते शैक्षिक परिदृश्य में छात्रों के पालन-पोषण और शिक्षा में अभिभावकों की भूमिका पर नए सिरे से विचार आवश्यक है। छात्रों के मन को विकसित करने में शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों की भी अहम भूमिका होती है। केवल जानकारी देना पर्याप्त नहीं, बल्कि सम्मान, नम्रता, भाषा पर नियंत्रण और क्रोध जैसे मानवीय मूल्यों की शिक्षा भी आवश्यक है।

आईकेएस सेंटर की समन्वयक डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा, यह एफडीपी न केवल शिक्षकों को आईकेएस की वैचारिक गहराइयों से जोड़ने का माध्यम बना, बल्कि शिक्षा में मूल्यों की पुनर्स्थापना की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ। फिजियोथेरेपी विभाग की डॉ. नीलम चौहान ने आकांक्षा जताई, जहां आधुनिक तकनीकी उपकरण दक्षता बढ़ाते हैं, वहीं ये मनुष्यों में आलस्य भी बढ़ा सकते हैं। पैरामेडिकल के श्री आकाश चौहान ने कहा कि अगर इंसान अपने मस्तिष्क का कम उपयोग करने लगे, तो वह अपनी मौलिक क्षमताओं को खो सकता है। सीटीएलडी के सीनियर फैकल्टी डॉ. अमित के. जोसेफ ने प्रश्न उठाया कि जीवन का वास्तविक उद्देश्य क्या है, और इसे विभिन्न दृष्टिकोणों से कैसे देखा जा सकता है। फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम में डेंटल,एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन कॉलेज आदि की फैकल्टीज़ भी शामिल रहीं।

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