चकराता। राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों में पर्यावरण संरक्षण शुरू से ही एक प्रमुख कार्यक्रम रहा है।पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जागरूकता आवश्यक है। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए प्राचार्य प्रो.के.एल.तलवाड़ पूर्व में चार वर्ष तक एन.एस.एस.के जिला समन्वयक उत्तरकाशी भी रह चुके हैं,ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक ने पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है।पॉलिथिन के कैरी बैग्स् का श्रेष्ठ विकल्प है हाथ से बने कपड़े के सस्ते थैले।इस मौके पर छात्राओं ने पुराने कपड़ों से बने आकर्षित थैलों को प्रदर्शित भी किया।महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओं ने छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपने गांव के हर घर में पुराने कपड़े से थैले बनाने की विधि को साझा करें और इसके प्रयोग का आग्रह भी करें।
इस मौके पर रवीना, तनुजा, शीतल,बबीना, अंजू, प्रतिमा, रविता, आंचल,पूनम, निकिता, सुमन,काजल,प्रवीण व नीरज ने थैले प्रदर्शित किये। कार्यक्रम में एन.एस.एस.कार्यक्रम अधिकारी डा.कुलदीप चौधरी, डा.सीमा पुंडीर, डा.नीना शर्मा व श्रीमती अंजली सहित समस्त महाविद्यालय परिवार मौजूद रहा।महाविद्यालय की इस सराहनीय पहल का व्यापार मंडल चकराता और पुरोड़ी बाजार के व्यापारियों ने स्वागत किया है।