देहरादून।जन हस्तक्षेप के बैनर तले देहरादून, चमियाला (टिहरी गढ़वाल) और अन्य जगहों में बड़ी संख्या में धरना दे कर लोगों ने सरकार की जन विरोधी नीतियों, जिससे इस मुश्किल दौर में शहरों और पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों को राशन से वंचित किया जा रहा है। देहरादून के गाँधी पार्क के गेट पर सैकड़ों मज़दूरों और अन्य लोगों के साथ विपक्षी दल एवं जन संगठनों ने आवाज़ उठाई।
धरना द्वारा इन मुद्दों को उठाया गया:
– उच्चतम न्यायलय का 24 मई और 29 जून के आदेशों के अनुसार, सरकार को शहरों में सामूहिक रसोई (कम्युनिटी किचन) द्वारा बना हुआ खाना और हर मज़दूर को बिना शर्त मुफ्त राशन किट उपलब्ध कराना है। इस आदेश का अमल आज तक नहीं हुआ है उत्तराखंड में जबकि यह उच्चतम न्यायलय का अवमाना है।
– पर्वतीय क्षेत्रों और शहरों में भी हज़ारों परिवारों के राशन कार्ड ऑनलाइन नहीं हो पा रहे हैं, और उनको राशन नहीं मिल रहा है।
– बच्चों को पोषण किट के नाम पर बहुत सीमित रकम और कुछ चावल दिया जा रहा है।
– सरकार के आदेश के अनुसार राशन कार्ड बनाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र और जाती प्रमाण पत्र, दोनों दस्तावेज़ अनिवार्य होंगे। इस आदेश से हज़ारों परिवार राशन से फिर वंचित होंगे।
हाल में किए गये सर्वे के अनुसार, उत्तराखंड में लोग बुनियादी खाद्य सामग्री जैसे अंडे, घी, तेल, केले, दूध इत्यादि भी नहीं ले पा रहे हैं। जैसे की देहरादून में 85 प्रतिशत मज़दूर कह रहे हैं कि वे महामारी से पहले अण्डों को खाते थे, सिर्फ 8.5 प्रतिशत कह रहे हैं कि अभी खा पा रहे हैं; पहाड़ों में भी पहले 78 प्रतिशत गरीब लोग अंडों खाते थे, अभी सिर्फ 26 प्रतिशत खा पा रहे हैं। पहाड़ों में लगभग 80 प्रतिशत लोग कह रहे हैं कि उन्होंने घी, तेल, और दालों का सेवन को कम कर दिया है।
इस स्थिति से ख़ास तौर पर महिलाओं और बच्चों पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है। लेकिन इस गंभीर स्थिति पर सरकार न सिर्फ मूकदर्शक बनी है, उल्टा और लोगों को राशन से वंचित कर रही है। धरना में शामिल होने के साथ वक्ताओं ने कहा कि राज्य में कुपोषण फैलने से पहले युद्धस्तर पर इन बिंदुओं पर सरकार को कदम उठाने की ज़रूरत है।
देहरादून के धरने में राजनैतिक दलों की और से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से ईश्वर पाल सिंह और तृणमूल कांग्रेस के राज्य संयोजक राकेश पंत शामिल रहे। कांग्रेस पार्टी के पूर्व राज्य अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव समर भंडारी; और समाजवादी पार्टी के राज्य अध्यक्ष डॉ SN सचान ने कार्यक्रम को समर्थन दिए । जन संगठनों की और से चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, विनोद बडोनी, सुनीता देवी, अशोक कुमार, प्रभु पंडित, राजाराम, पप्पू,, संजय, और अन्य लोग; AITUC उत्तराखंड के सचिव अशोक शर्मा; और राज्य आंदोलनकारी जब्बर भाई शामिल रहे।
निवेदक
जन हस्तक्षेप
_राजनैतिक दलों की और से_
किशोर उपाध्याय, पूर्व राज्य अध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी
समर भंडारी, राज्य सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
डॉ सत्यनारायण सचान, राज्य अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी
इंद्रेश मैखुरी, गढ़वाल सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मा – ले)
राकेश पंत, राज्य संयोजक, तृणमूल कांग्रेस
_जन संगठनों की और से_
उत्तराखंड लोक वाहिनी
उत्तराखंड महिला मंच
चेतना आंदोलन
जन संवाद समिति
वन अधिकार आंदोलन
उत्तराखंड विमर्श
परिवर्तनकामी छात्र संगठन
हिमालय बचाओ आंदोलन
गंगा बचाओ आंदोलन
उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति
जिला चाय बागान मज़दूर सभा
नौजवान भारत सभा
युगवाणी देहरादून
पीपल्स फोरम उत्तराखंड