Uncategorizedउत्तराखंडसामाजिक

भगत सिंह एक व्यक्ति नहीं एक धारा थी, एक धारा हैं

उत्तराखंड छात्र संगठन की एक संगोष्ठी शहीदे आजम भगत सिंह एवं उनके साथियों के बलिदान को याद करते हुए सालम समिति द्वारा संचालित राम सिंह धोनी पुस्तकालय शिखर होटल के पास आयोजित की गई।

कार्यक्रम में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि शोषण मुक्त समाज की रचना के लिए इतिहास में तमाम क्रांतिकारियों ने भगत सिंह से पहले और उनके बाद भी संघर्ष जारी रखा है।उन्होंने कहा कि भगत सिंह की लड़ाई केवल अंग्रेज साम्राज्यवादियों से नहीं थी बल्कि भगत सिंह की लड़ाई एक बेहतर समाज बनाने की और एक बेहतर व्यवस्था बनाने की थी।
उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि हमारे समाज में जो नशा, भ्रष्टाचार और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन हो रहा है उसके खिलाफ हम सबको प्रखर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगत सिंह एक व्यक्ति नहीं एक धारा थी और एक धारा हैं।

संगोष्ठी में एड. रमाशंकर नैनवाल ने कहा कि भगत सिंह की जीवनी उनके दस्तावेजों को वर्तमान समय में सभी को गहराई से पढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक बेहतर समाज के लिए हमें बहुत लंबी लड़ाई लड़ने की जरूरत है।

आज हुई संगोष्ठी में एड. जीवन चंद्र ने कहा कि हमें भगत सिंह के विचारों को पढ़ने व समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब तक सत्ता मजदूर, किसान, मेहनत करने वालों के हाथ में नहीं आती तब तक उस आजादी का कोई मतलब नहीं है।
आज हुई संगोष्ठी में एड. गोपाल राम ने कहा कि हमारी सोसाइटी में अच्छी शिक्षा अच्छा रोजगार नहीं है जिसके लिए हमने इतनी बड़ी आजादी की लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा की अंग्रेजों के समय में भारतीय समाज का जो शोषण था उसका सिर्फ रूप बदला है जो अभी वर्तमान में और भी घातक रूप में सामने आ रहा है इसीलिए हमें आज के दौर में भगत सिंह को पढ़ने और समझने की जरूरत है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखंड छात्र संगठन के दीपांशु पांडे और रश्मि आर्या ने की।
आज हुई संगोष्ठी में किरन आर्या, हेमा पांडे, राहुल कुमार, निशांत कुमार, कृष्णा आर्या, हीना, अफसर अली, एलिस, प्रकाश जोशी, ख्याति आदि लोग उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button