उत्तरप्रदेशशिक्षा

टीएमयू में ट्रेंड्स इन इंग्लिश लैंग्वेज पर वैश्विक कॉन्फ्रेंस

टीएमयू के एफओईसीएस की ओर से ब्लेंडेड मोड में हुई इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में साठ रिसर्च पेपर्स प्रस्तुत

मुरादाबाद।  ख़ास बातें
इंडोनेशिया के श्री अक्सेंड्रो मैक्सिमिलियन की रही ऑनलाइन मौजूदगी
छात्रों को अँग्रेजी सिखाने में शिक्षकों को सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए: डॉ. अरोड़ा
मैक्सिमिलियन ने कहा, संचार में सुधार के लिए आज अनेक ऐप्स मौजूद
अनुभवी फ़ैकल्टी और अनुशासित स्टुडेंट्स यूनिवर्सिटी की पहचान : रजिस्ट्रार
अंग्रेजी मन तो हिंदी हृदय की भाषा : प्रो. द्विवेदी
गुणवत्तापूर्ण शोध पत्रों की पुस्तक का कॉन्फ्रेंस सोवेनियर के संग – संग विमोचन
यूपी के अलावा आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, नई दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान के 150 प्रतिभागियों ने की शिरकत
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फ़ैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज़-एफओईसीएस में इमर्जिंग टेक्नोलॉजी एंड ट्रेंड्स इन इंग्लिश लैंग्वेज-ईटीटीईएल पर एक दिनी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस हुई,जिसमें शिक्षाविदों और शोधार्थियों ने भाषा और सांस्कृतिक पहचान, अंग्रेजी भाषा और साहित्य में कार्यात्मक कौशल, महत्वपूर्ण डिसकोर्स विश्लेषण, भाषा और जेंडर, अंग्रेजी भाषा शिक्षण में हालिया रुझान और प्रौद्योगिकी, अंग्रेजी की भाषा के रूप में अंग्रेजी डायस्पोरा, अंग्रेजी संचार और सॉफ्ट स्किल्स, बोली जाने वाली अंग्रेजी के आयाम, अंग्रेजी व्याकरण में समस्या क्षेत्र, अंग्रेजी भाषा के सौंदर्यवादी मूल्य, एनईपी 2020 के संदर्भ में ईएलटी की द्विभाषी विधि, साहित्य के माध्यम से अंग्रेजी भाषा शिक्षण, पारस्परिक संबंध निर्माण में भाषा रजिस्टर का महत्व, संचारी भाषा शिक्षण, कार्य आधारित शिक्षण, भाषाई और अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, दुनिया भर में अंग्रेजी, वर्तमान परिदृश्य में अंग्रेजी भाषा और संचार की भूमिका, राष्ट्र को बांधने वाले मुख्य लिंगुआ फ्रैंका के रूप में अंग्रेजी और कॉर्पोरेट दुनिया में अंग्रेजी भाषा का महत्व इत्यादि विषयों पर लगभग 60 शोध पत्र प्रस्तुत किए।
यूनिवर्सिटी के एफओईसीएस के डिपार्टमेंट ऑफ ह्यूमैनिटीज़ और इंग्लिश लैंग्वेज टीचर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया- ईएलटीएआई, नोएडा चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस इंटरनेशनल कांफ्रेंस का कीनोट स्पीकर्स एसटीकेआईपी पीजीआरआई बांदर लैम्पुंग, इंडोनेशिया के श्री अक्सेंड्रो मैक्सिमिलियन और लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रो. आरपी सिंह की ऑनलाइन मौजूदगी के बीच शुभारंभ मुख्य अतिथि महाराजा हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज, मुरादाबाद के प्राचार्य डॉ. सुधीर अरोड़ा और विशिष्ट अतिथि इग्नू, नई दिल्ली के प्रोफेसर प्रो. प्रमोद कुमार मेहरा ने किया। इस मौके पर टीएमयू के रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, कांफ्रेंस जनरल चेयर और एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी, ज्वाइंट रजिस्ट्रार रिसर्च एंड डवलपमेंट डॉ. ज्योति पुरी ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन के संग कांफ्रेंस का शंखनाद किया। स्वीकृत गुणवत्तापूर्ण शोध पत्रों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुई,जिसका अतिथियों ने कॉन्फ्रेंस सोवेनियर के संग – संग विमोचन भी किया । विभिन्न राज्यों- आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, नई दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुल 150 पंजीकृत प्रतिभागियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन ब्लेंडेड मोड में कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। अंत में कॉन्फ्रेंस में सफलतापूर्वक प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। इससे पूर्व सभी अतिथियों को बुके देकर उनका स्वागत किया गया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए गए। संचालन बीटेक-आईबीएम सेकंड ईयर के स्टुडेंट्स देवांश मिश्रा और शांभवी कोठीवाल ने किया।
महाराजा हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज, मुरादाबाद के प्राचार्य डॉ. सुधीर अरोड़ा ने बतौर मुख्य अतिथि कोविड-19 महामारी के दौरान उपयोग में लायी गईं नई तकनीकों और उनके लाभों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा, अँग्रेजी भाषा का उपयोग आज काफी बढ़ गया है। उन्होंने कहा, छात्रों को अँग्रेजी भाषा सिखाने में शिक्षकों को सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। बतौर विशिष्ट अतिथि इग्नू, नई दिल्ली के प्रोफेसर प्रो. प्रमोद कुमार मेहरा ने प्रौद्योगिकी की सहायता के लिए वैश्विक भाषा के रूप में अंग्रेजी में उभरती प्रवृत्तियों और अनुप्रयोगों के बारे में चर्चा की। उन्होंने एनईपी-2020 में अंग्रेजी भाषा के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित किया। लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रो. आरपी सिंह ने बतौर कीनोट स्पीकर  टीचिंग लर्निंग प्रॉसेस में प्रौद्योगिकी और अंग्रेजी के उपयोग के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, कॉन्फ्रेंस समाज के बीच प्रेरणा का एक अच्छा स्रोत है। कीनोट स्पीकर एसटीकेआईपी पीजीआरआई बांदर लैम्पुंग, इंडोनेशिया के श्री अक्सेंड्रो मैक्सिमिलियन ने कहा, संचार में सुधार के लिए आज अनेक ऐप्स मौजूद हैं। इंटरएक्टिव क्लासरूम के लिए बहुत सारी एडवांस टेक्नोलॉज़ी मदद कर रही हैं। टीचर्स भी और स्किल्ड हो रहे हैं। उच्चारण में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का आज बेहतर उपयोग हो रहा है।
टीएमयू के रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने टीचिंग लर्निंग प्रॉसेस में एडवांस टेक्नोलॉज़ी के महत्व और अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा, कोई भी संस्थान केवल ईंट और सीमेंट से नहीं निर्मित नहीं होता है, इसका निर्माण अच्छी फ़ैकल्टी और अच्छे स्टुडेंट्स से होता है। उन्होंने  एफओईसीएस के निदेशक प्रो. द्विवेदी और उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा, एफओईसीएस लगातार उत्तरोत्तर विकास कर रहा है। इससे पूर्व कांफ्रेंस जनरल चेयर और एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने अपने उद्घाटन भाषण में सभी का स्वागत करते हुए कहा, अंग्रेजी मन की भाषा है,जबकि हिंदी हृदय की भाषा है। उन्होंने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एवं एडवांस टेक्नोलॉज़ी के महत्व और टीचिंग लर्निंग प्रॉसेस पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला।  उन्होंने कहा, इस कांफ्रेंस का उद्देश्य अंग्रेजी सीखने की गतिविधियों और इंटरनेट संचार उपकरणों में प्रौद्योगिकी की समीक्षा करना है,जबकि डॉ. सोनिया जयंत ने कॉन्फ्रेंस की थीम प्रस्तुत की । इंटरनेशनल कांफ्रेंस में एचओडी प्रो. ए.सक्सेना,डॉ. जरीन फारूक, डॉ. संदीप वर्मा, मिस नेहा आनंद, श्रीमती इंदरजीत झीते, प्रो. आरके जैन, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. अरुण कुमार पिपरसेनिया, डॉ. शंभू भारद्वाज, श्री राहुल विश्नोई, श्री प्रशांत कुमार डॉ. असीम अहमद, एआर श्री मनीष तिवारी, श्री मनोज गुप्ता, सहित सभी फ़ैकल्टी मेंबर्स मौजूद रहे। अंत में कांफ्रेंस कंवीनर्स डॉ. सोनिया जयंत और सुश्री इंदु त्रिपाठी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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