उत्तराखंडसामाजिक

माँ गंगा की डोली अपने मायके मुखबा पहुँची

उत्तरकाशी। भाई धूज पर गंगाेत्री धाम के कपाट बंद होने पर माँ गंगा की मूर्ति तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखबा में विराजमान हो गई है ।मुखबा  को माँ गंगा का मायका माना जाता है। अब मुखबा स्थित माँ गंगा के मदिर में माँ गंगा की पूजा होगी।

तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखबा में विधि विधान एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ मां गंगा की भोग मूर्ति को गंगा मंदिर में स्थापित किया गया. अब शीतकाल में श्रद्धालु मुखबा में ही मां गंगा के दर्शन और पूजा-अर्चना का पुण्य लाभ अर्जित कर सकेंगे.

बुधवार को गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ मार्कण्डेय स्थित देवी मंदिर पहुंचाया गया. गुरुवार को भैया दूज के पावन पर्व पर मां गंगा की डोली यात्रा देवी मंदिर से मुखबा गांव के लिए रवाना हुई. देर शाम मुखबा पहुंचने पर डोली का भव्य स्वागत किया गया. मुखबा एवं धराली गांव के समेश्वर देवता की डोली ने मां गंगा की डोली का स्वागत किया.
ग्रामीणों ने बेटी की तरह मां गंगा का स्वागत किया. 3 दिन तक मां की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. अब 5 महीने मां गंगा तीर्थ पुरोहित और ग्रामीणों के साथ मुखबा गांव में प्रवास करेंगी. तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया क्षेत्र में जियो की मोबाइल फोन सेवा शुरू होने से संचार की समस्या तो हल हुई है. लेकिन सर्दियों में सड़क, विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था लड़खड़ाने से स्थानीय लोगों के साथ ही बाहरी क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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