देहरादून। इस समय सूबे का राजनैतिक केंद्र कुमाऊं बना हुआ है जहां सीएम पुष्कर सिंह धामी कुमाऊं मंडल से आते हैं वहीं कांग्रेस ने भी अपना प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता भी कुमाऊं मंडल से बनाय हैं एसे में टूटती कांग्रेस में क्षेत्रवाद का संकट गहराने लगा है, इस संकट के निशाने पर हरीश रावत हैं, माना जा रहा है कि गढ़वाल को नेतृत्व विहीन करने में हरीश रावत का हाथ है। पहले उनकी वजह से ही पूव्र प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का कमल थामा अब नेता प्रतिपक्ष, उप नेता और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर भी हरीश रावत ने कुमाऊं के अपने चहेतों को बैठाया है जिससे गढ़वाल के कांग्रेस नेता खफा बताय जा रहे हैं।
उत्त्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने नये कांग्रेस अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष का चुनाव कर लिया। लंबी जद्दोजहद के बाद करण मेहरा अध्यक्ष व यशपाल आर्य नेता प्रतिपक्ष चुने गए। उपनेता भुवन कापड़ी को बनाया गया।
निराशजनक चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश कांग्रेस में आमूल चूल परिवर्तन की मांग उठ रही थी। प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।
मौजूदा समय में कांग्रेस में हरीश व प्रीतम गुट के बीच तलवारें खिंची हुई है। विधानसभा चुनाव में हार के लिए दोनों गुटों के बीच जारी जंग को भी एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।