उत्तराखंडस्वास्थ्य

उंचाई वाले क्षेत्रों के गंभीर मरीजों को हेली एंबुलेंस से हायर सेंटर पहुंचाने के बारे में बताया

एम्स ऋषिकेश में “हाई ए​ल्टिट्यूड ट्रॉमा इमरजेंसी ट्रेनिंग फॉर मेडिकल पर्सनल” की कार्यशाला संपन्न

एम्स ऋषिकेश में “हाई ए​ल्टिट्यूड ट्रॉमा इमरजेंसी ट्रेनिंग फॉर मेडिकल पर्सनल डेपलायड एट वैरियस मेडिकल फैसिलिटीज ऑन चारधाम यात्रा रूट” विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला शनिवार को विधिवत सम्पन्न हो गई। इस वर्कशाप को डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल हेल्थ एंड फेमिली वेलफेयर, उतराखंड द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की गई।


कार्यशाला के दूसरे दिन की शुरुआत कर्नल शैलजा कार्की के व्याख्यान एयर इवैक्यूएसन एट हाई एल्टिट्यूड से हुई। उन्होंने बताया कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर फंसे मरीजों को हेलीकाप्टर की सहायता से किस तरह से हायर सेंटर भेजा जा सकता है। इसके पश्चात डा. एसपी सिंह ने ऑक्सीजन डेलिवरिंग सिस्टम पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रतिभागियों को ऊंचाई पर स्थित मरीजों को ऑक्सीजन देने की सही प्र​क्रिया का प्रशिक्षण दिया।
इस दौरान यूएसए की ब्रिंगम यंग यूनिवर्सिटी के क्रेग नटटल की ओर से हाइपोथर्मिया पर विवरण प्रस्तुत किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अत्यधिक ठंड के कारण होने वाली बीमारियों के बारे में बताया। कार्यशाला की चेयरपर्सन एवं एम्स के फिजियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर लतिका मोहन ने कोल्ड इंजरी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में होने वाले कोरोनरी आर्टरी डिजीज व सीओपीडी पर चर्चा की। उन्होंने प्रतिभागियों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हार्ट और सांस से संबंधित मरीजों को दिए जाने वाले उपचार के संबंध में जानकारी दी।
डा. नीती गुप्ता ने ऊंचाई वाले क्षेत्र में होने वाले नेत्र रोगों पर व्याख्यान दिया। ईएनटी विभाग के डा. मनु मल्होत्रा ने ऊंचाई के कारण होने वाले आंख, नाक व गले के रोगों पर व्याख्यान दिया। कार्यशाला के समापन में कार्यशाला की आर्गेनाइजिंग सेकेट्री डा. जयन्ती पंत ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर कार्यशाला में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए।

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