
ऋषिकेश। लोगों कीजिंदगी बचानेवालाडाक्टर अगर मौत को गले लगा दे तोहैरतहोती है। लेकिनयहसच है।एम्स ऋषिकेश जैसे बड़े संस्थान के छात्रावास में मेडिकल के एक छात्रआत्महत्या करना कई सवालों को जन्म देता है। सूचना देने के बाद भी पुलिस के आने सेपहले ही अस्पताल स्टाफ ने शव को कमरे से मोर्चरी में शिफ्ट कर दिया था। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार पुलिस को एम्स के लॉ ऑफिसर प्रदीप पांडे ने जानकारी दी थी। उन्हांेने बताया था कि एम्स के हॉस्टल में एक डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया है। बताया गया कि डॉ. शिवानंद बौन निवासीगंगा कॉलोनी बसवाकल्याण जिला बिदार कर्नाटक, एम्स के जूनियर रेजिडेंट थे। मृतक एम्स ऋषिकेश में अंतिम वर्ष का छात्र था। मौके पर फील्ड यूनिट को बुलाकर हॉस्टल के कमरे का निरीक्षण किया गया।
मृतक के रूम में कुछ दवाइयां और इंजेक्शन मिले हैं, जिन्हें पुलिस ने कब्जे में लिया। पुलिस ने शव का पंचायत नामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को ये जानकारी नहीं मिली है कि डॉक्टर ने आत्महत्या क्योंकि की। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।