उत्तराखंड

एम्स ऋषिकेश में ऐतिहासिक एनआईसीयू स्नातक समारोह

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश के तत्वावधान में एम्स अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं का अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। बताया गया कि जन्म के समय 1000 ग्राम से कम वजन वाले 30 सप्ताह के जुड़वां बच्चों के लिए पहला एनआईसीयू स्नातक समारोह है।

नियोनेटोलॉजी विभाग की ओर से नवजात शिशु विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीपर्णा बसु की देखरेख में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. पूनम सिंह, डॉ. मयंक प्रियदर्शी और डॉ. सुमन चौरसिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी तरह के इस अनूठे आयोजन में विभाग के रेजिडेंट चिकित्सकों, नर्सेस व सहायक कर्मचारियों ने सहयोग प्रदान किया।

विशेषज्ञों ने कहा कि शिशु के जन्म के दौरान नवजात की समग्र देखभाल के लिए चिकित्सकीय टीम की प्रतिबद्धता चिकित्सा उपचार से परे है, जिसमें नवजात के स्वास्थ्य के भावनात्मक और सामाजिक पहलुओं को शामिल किया गया है।

उन्होंने बताया कि भारत के किसी भी सरकारी अस्पताल में अपनी तरह का यह पहला कार्यक्रम था, जो कि नवजात शिशु देखभाल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम व मील का पत्थर है, साथ ही कठिन बाधाओं के खिलाफ जीवन की जीत का प्रतीक है।

विभाग के चिकित्सक डॉ. सुमन चौरसिया के अनुसार एम्स ऋषिकेश का एनआईसीयू स्नातक समारोह सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के मद्देनजर अपने किस्म की एक अलग तरह की पहल तो है ही, यह इस विषय के परिप्रेक्ष्य में एक नई मिसाल कायम करता है, जो कि बच्चों के समग्र देखभाल और परिवारों के साथ दीर्घकालिक जुड़ाव के महत्व को उजागर करता है।

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