उत्तराखंड

स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता से समझाया मां के दूध का महत्व

स्तनपान के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा माँ के दूध के महत्व को रेखांकित करने के उद्देश्य से सामुदायिक चिकित्सा विभाग एम्स ऋषिकेश द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रायवाला में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान विशेषज्ञों ने शिशु के लिए मां के दूध को सर्वोत्तम आहार बताया।

विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में इन दिनों एम्स ऋषिकेश द्वारा विभिन्न जन जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रायवाला में संस्थान द्वारा ’स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता’ आयोजित की गयी। चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस दौरान कहा कि प्रत्येक शिशु के लिए उसकी मां का दूध ही सर्वोत्तम आहार है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि ”माँ का दूध शिशु के लिए अमृत समान होता है तथा माँ को अपने शिशु के लिए इसे पहला आहार बनाना चाहिए। इससे शिशु का विकास तेजी से होता है। उन्होंने बताया कि स्तनपान से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है। मां का दूध बच्चे को संक्रमण, एलर्जी और अन्य बीमारियों से सुरक्षित रखता है।

संस्थान की डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी एवं चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्या श्री ने स्तनपान को शिशु का पहला अधिकार बताया है। उन्होने कहा कि पहले 6 माह तक माँ का दूध शिशु के सम्पूर्ण पोषण का कार्य करता है। स्तनपान केवल एक प्राकृतिक प्रक्रिया नहीं अपितु यह शिशु और माता दोनों के लिए जीवन रक्षक के तौर पर भी कार्य करता है। सामुदायिक चिकित्सा विभाग एम्स की विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सेना ने मां के दूध को बच्चे के लिए संपूर्ण पोषण बताया। उन्होंने कहा कि कामकाजी महिलाओं को भी चाहिए कि वो स्तनपान प्रक्रिया को प्राथमिकता दें ताकि उनके शिशु को सम्पूर्ण आहार की पूर्ति हो सके।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने स्तनपान एवं बाल स्वास्थ्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मां के दूध में सम्पूर्ण पौषक तत्व, विटामिन और मिनरल्स आदि प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं।
डाॅ. शर्मा ने कहा कि मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडीज बच्चे को कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। सामुदायिक चिकित्सा विभाग एम्स के डॉ. महेन्द्र सिंह ने स्वस्थ शिशु कार्यक्रम को बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव बताया। कहा कि एम्स की यह पहल शिशुओं के समग्र विकास और बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करती है। इस दौरान एम्स ऋषिकेश के इंटर्न्स डॉक्टरों ने स्तनपान की महत्ता विषय पर एक मनोरंजक और उत्साहवर्धक नाटक भी प्रस्तुत किया। जबकि कार्यक्रम की आयोजक और एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विभाग की डॉ. मीनाक्षी खापरे ने स्तनपान और मां-बच्चा दोनों के स्वास्थ्य पर प्रकाश डाला और इसकी महत्ता को समझाया।

इस अवसर पर पीएचसी रायवाला के चिकित्साधिकारी डॉ. अमित बहुगुणा, सामुदायिक चिकित्सा विभाग एम्स ऋषिकेश के डॉ. तेजा, डॉ. सेवाप्रीत, डॉ. ज्ञानेश्वरी, डॉ. रिया, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ के छात्र-छात्राओं के साथ पीएचसी रायवाला स्टॉफ के साथ अन्य लोग मौजूद थे।

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