
देहरादून के हैप्पी एन्क्लेव, कैनाल रोड की मज़दूर बस्ती में आज मज़दूरों और जनता के हक़ों पर “नफरत नहीं रोज़गार दो” नारा के साथ जनसभा आयोजित की गई । सभा में सैकड़ों आम लोगों के साथ जन संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि 2024 में मलिन बस्ती के लिए सुरक्षा अधिनियम खत्तम हो रहा है। आज तक राज्य के एक भी बस्ती का न नियमितीकरण हुआ है और न ही पुनर्वास। 2016 के अधिनियम पर कोई अमल ही नहीं हुआ है। तो सरकार अपने वादों पर काम कब करने वाली है? सरकार कानून लाये की किसी को भी बेघर नहीं किया जायेगा। इसके आलावा मज़दूरों के लिए बनाई हुए योजनाओं जैसे सामान वितरण में सारे पात्र मज़दूरों को अपने हक़ मिले, इसके लिए व्यवस्था बनाने की जरूरत है । कंपनियों को सब्सिडी देने के बजाय महिला मजदूरों को राहत दिया जाए; नफरती अभियानों पर कारवाई की जाए; और राशन सबको मिले, इसपर भी आवाज़ उठाई गई । वक्ताओं ने जनता से निवेदन भी किया कि वे अपना वोटर पंजीकरण कराए और ज़रूर वोट दे। सामाजिक कार्यकर्ता दीपा कौशलम एवं चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल और सुनीता देवी ने कार्यक्रम को संबोधित किया।