विगत 20 सालों से निरन्तर लक्ष्मी राणा व यशवंत सिंह राणा ने स्वर्गीय माताजी माला देवी की बेटों से बढ़कर निभाई अपनी जिम्मेदारी
स्वर्गीय माल देवी ग्राम सभा कठूली की रहने वाली थी
इनके 3 लड़के 1 लड़की लक्ष्मी राणा है
लक्ष्मी राणा ने हमेशा सुख और दुख में अपनी मां माला देवी वे सास सोना देवी की इतनी देख भाल की की लोगों ने उनको सलाम किया
दोनों बुजुर्ग को कभी भी बेसहारा नहीं छोड़ा सास 1 साल से बिस्तर पर थी पूरे शरीर में जगह-जगह पस पड़ चुका था
लेकिन दोनों पति-पत्नी के अथक प्रयास से अपनी सास को हमेशा बचाने का प्रयास किया
इस दौरान दोनों सास और मां के एक साथ बीमार होने पर उन्होंने एक नर्स 24 घंटे के लिए हायर की जिससे इन दोनों मां की पीडा को कम किया जा सके
सांस सोना देवी को बेड सूल हो चुकी थी सारे शरीर से पानी और मवाद निरंतर बह रहा था
लेकिन लक्ष्मी राणा ने हार नहीं मानी और दिन रात दिन अथक प्रयास करती रही
पति फौज में अपनी मातृभूमि के लिए फर्ज निभा रहे थे वही लक्ष्मी राणा अपनी मां और सांस के लिए फर्ज निभा रही थी
बेटों से बढ़कर फर्ज निभाने की प्रेरणा इन दोनों से मिलती है