दिल्ली में हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर निकाल गई शोभायात्रा दिल्ली के जहांगीरपुरी में बवाल मच गया। वही सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार 16 अप्रैल को अचानक हिंसा भड़क गई। यहां हनुमान जयंती के मौके पर निकाली जा रही शोभायात्रा पर कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद माहौल बिगड़ गया और हिंसा भड़क गई। शनिवार शाम 04:15 PM पर शोभायात्रा जहांगीरपुरी से शुरू हुई, जो BJRM हॉस्पिटल रोड, BC मार्केट, कुशल चौक होते हुए महेंद्र पार्क पर समाप्त होनी थी। जबकि शोभायात्रा शांतिपूर्वक तरीके से चल रही थी। वही इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए।
वही इसी के साथ घटना के तुरंत बाद मौके पर भारी पुलिसबल तैनात किया गया और तमाम आला अधिकारी भी वहां पहुंचे। वही इस दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में पुलिस को और अधिक सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं। हनुमान जन्मोत्सव के दौरान शोभा यात्रा निकालते वक्त दो समुदाय के बीच में पथराव की घटना सामने आई है। वहीं, शोभायात्रा शाम करीब 6.00pm बजे जैसे ही जामा मस्जिद के पास पहुंची तो अंसार नाम का एक शख्स अपने 4-5 साथियों के साथ आया और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस करने लग गया। बहस ज्यादा बढ़ने के कारण दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया। जिसके कारण शोभायात्रा में भगदड़ मच गई।
इस घटना में पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हुए हैं जिन्हें बाबू जगजीवन राम अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। वहीं, जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव की शोभायात्रा पर हुए हमले की FIR पुलिस ने दर्ज की है। सूत्रों के मुताबिक थाने के पुलिस अधिकारी राजीव रंजन सिंह ने FIR में जो कहानी बताई है, उसके अनुसार जामा मस्जिद के पास शोभायात्रा पहुंचते ही कुछ लोगों ने बहस शुरू कर दी थी। FIR दर्ज कराने वाले सब इंस्पेक्टर राजीव रंजन ने बताया कि बवाल में उन्हें भी चोट आई है। बहस इतनी बढ़ी कि देखते-ही-देखते पथराव शुरू हो गया, जिसके बाद हिंसा भड़क गई।
वही इस दौरान जहांगीरपुरी में हुई हिंसक घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से अपनी अपनी तैनाती वाले जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि खासतौर पर दिल्ली से सटे जिलों के अधिकारियों से कहा गया है कि वह किसी भी अप्रिय घटना को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
वही इस मौके पर दिल्ली पुलिस की लगातार अपील के बाद भी एक पक्ष लगातार पत्थरबाजी करता रहा। हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने 40-50 आंसू गैस के गोले दागे ताकि भीड़ को तितर-बितर किया जा सके। भीड़ की ओर से पुलिस पर फायरिंग और पथराव किया गया। थाना जहांगीरपुरी के SI मेदालाल के बाएं हाथ में गोली लगी। पथराव में 6-7 पुलिसकर्मियों व एक नागरिक को गंभीर चोटें आई हैं।उपद्रव कर रहे लोगों ने एक स्कूटी में आग लगा दी और 4-5 गाड़ियों में तोड़-फोड़ कर दी। इस दौरान 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। कई अन्य लोग भी घायल हुए हैं। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अगले दिन 17 April. रविवार को दिल्ली पुलिस ने इस घटना के संबंध में अब तक 14 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना से बात की और हालात को नियंत्रण में करने के निर्देश दिए। वही इसी के साथ पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो फुटेज को खंगाल कर करीब छह उपद्रवी संदिग्धों की पहचान हुई है।
वहीं शक के आधार पर करीब दर्जन भर लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया है। देर रात तक पुलिस की कई टीमें मौके से सुराग एकत्र करने में जुटी हैं। हिरासत में लिए गए लोगों को अलग स्थान पर ले जाकर पूछताछ भी की गई। दिल्ली पुलिस एक सब इंस्पेक्टर ने बताया कि गोली भीड़ में से चलाई गई जो उन्हें लगी। उन्होंने बताया कि दोनों तरफ से एक-एक हजार लोगों की भीड़ थी। और दोनों तरफ से पथराव हो रहा था।
सूत्रों के मुताबिक जहांगीरपुरी में हुए उपद्रव को लेकर दिल्ली पुलिस ने विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने दंगा, सरकारी काम में बाधा डालने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। घायल पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। वहीं, आपको बता दें कि दो साल पहले भी दिल्लीवासियों ने दंगों का गहरा दंश झेला है। फरवरी, 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के समर्थकों एवं विरोधियों के बीच हिंसा के बाद सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था जिसमें कम से कम 53 लोगों की जान चली गई थी और 700 से अधिक घायल हुए थे।
इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारर कर दिया गया है। देश की राजधानी नई दिल्ली में ही नहीं, उत्तराखंड के रूड़की में भी शोभायात्रा के दौरान पथराव के बाद हिंसा भड़क उठी।