
देहरादून। प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा विस्तार हुआ है। श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज (एसजीआरआर आइएम एंड एचएस), देहरादून की एमबीबीएस सीटें अब 150 से बढ़ाकर 200 कर दी गई हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) द्वारा संस्थान को यह अनुमोदन प्रदान किया गया है, जिससे कॉलेज की क्षमता और चिकित्सा शिक्षा में अवसर दोनों बढ़ेंगे। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक नायक ने इस उपलब्धि की पुष्टि करते हुए कहा कि यह संस्थान के लिए गर्व का विषय है। वहीं श्रीमहंत देवेंद्र दास ने फैकल्टी, स्टाफ और प्रबंधन को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रदेश के युवाओं के लिए एक नई दिशा खोलने वाला कदम है।
वर्ष 2006 में स्थापित एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में निरंतर प्रगति करता रहा है। आज यह उत्तराखंड के सबसे बड़े मेडिकल संस्थानों में शुमार है। वर्तमान में कॉलेज में 200 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त यहां 162 पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) और 19 डीएम-एमसीएच सुपर स्पेशियलिटी सीटें भी संचालित हो रही हैं। कॉलेज से संबद्ध श्री महंत इंदिरेश अस्पताल प्रतिदिन हजारों मरीजों को उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है, जिससे यह अस्पताल न केवल उत्तराखंड बल्कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र बन चुका है।
एनएमसी द्वारा किए गए हालिया मूल्यांकन में कॉलेज को हर मानक पर उत्कृष्ट पाया गया। पर्याप्त क्लीनिकल मैटीरियल, अनुभवी डॉक्टरों और शिक्षकों की टीम, आधुनिक उपकरणों से युक्त शोध प्रयोगशालाएं तथा समृद्ध लाइब्रेरी ने संस्थान की प्रतिष्ठा को और बढ़ाया है। यही कारण है कि यह संस्थान चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं में भी विश्वास का केंद्र बन गया है।
एमबीबीएस सीटों में वृद्धि से प्रदेश के विद्यार्थियों को चिकित्सा शिक्षा में प्रवेश के लिए अधिक अवसर मिलेंगे। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों तक भी बेहतर उपचार की सुविधा पहुंच सकेगी। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में यह विस्तार उत्तराखंड को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ी हुई सीटें न केवल डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में मदद करेंगी, बल्कि शोध और नवाचार को भी बढ़ावा देंगी। एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज की यह उपलब्धि राज्य की प्रगति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।