उत्तराखंड

श्री देव सुमन के शहादत दिवस पर स्मृति यात्रा, जनता के हक़ों पर आंदोलन का एलान

आज स्वतंत्र सेनानी श्रीदेव सुमन के शहादत दिवस के अवसर पर “नफरत नहीं रोज़गार दो” का नारा के साथ कुमाऊँ एवं गढ़वाल के जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने “श्रीदेव सुमन स्मृति यात्रा* का आयोजन किया।

प्रातः नई टिहरी जेल पर श्रीदेव सुमन को श्रद्दांजलि अर्पित करने के पश्चात शहीद यात्रा जुलूस निकाल कर सुमन पार्क पहुंची। जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी भागीदारी की।

सुमन पार्क में हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि शोषण और तानाशाही के खिलाफ श्री देव सुमन ने 84 दिनों तक अनशन करते हुए अपने जीवन की आहुति दे दी। वे न केवल अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे बल्कि उन्होंने टिहरी रियासत के खिलाफ भी अपना संघर्ष जारी रखा था। परंतु आजादी के बाद भी टिहरी व उत्तरकाशी में जनता का बर्बर दमन करने वाली राजशाही की संपत्ति जप्त करने और उसके खिलाफ मुकदमा चलाने की कार्रवाई सरकारों द्वारा नहीं की गयी। उल्टा उनका मान मनौव्वल किया गया।

सभा में वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार जन विरोधी नीतियों को बढ़ावा दे रही है। नए आपराधिक कानून; लोगों के ज़मीन और वनों पर हक़ों पर लगातार हनन; नफरत, जातिवादी भेदभाव को निरंतर बढ़ावा दिया जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों पर हमले बढ़ रहे हैं। कल्याणकारी योजनाओं में हो रहे समस्याएं इस लोकतंत्र विरोधी मंशा को साबित करते हैं।

सभा में आगामी अक्टूबर महीने में समान नागरिक संहिता और नए 3 आपराधिक कानूनों पर कुमाऊँ में जन सम्मेलन करने की घोषणा की गई। सभा में अतिक्रमण हटाने के नाम पर जनता को उजाड़े जाने के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित हुआ।

स्मृति यात्रा में समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, ललित उप्रेती, लक्ष्मी, राजेंद्र सिंह एवं दिगम्बर; महिला एकता मंच की ललिता रावत एवं सरस्वती; वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के तरुण जोशी, गोपाल लोधियाल, पावनी, एवं अशरफ; चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, विनोद बडोनी और महावीर सिंह रावत शामिल रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button