उत्तराखंड

संगीतज्ञ के.एल. पांडे की संवादात्मक ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति

दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र तथा विरासत संस्था की ओर से ठुमरी का रिकॉर्ड से फिल्मों तक का सफर पर के.एल. पांडे द्वारा एक संवादात्मक ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति, शुक्रवार, 3 नवंबर, 2023,को सुबह 11 बजे दून पुस्तकालय के सभागार में की गई।

यह बातचीत भारतीय शास्त्रीय और लोकप्रिय संगीत पर चल रही श्रृंखला का एक हिस्सा है।’रिकॉर्ड्स से फिल्मों तक ठुमरियों की यात्रा (1902-2022) केएल पांडे, संगीतज्ञ, विश्लेषक और शोधकर्ता द्वारा एक बेहतरीन संवादात्मक ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति की गई । इस प्रस्तुति में, वह 1902 से 2022 तक गैर-फिल्मी और फिल्मी दोनों शैलियों के विभिन्न कलाकारों द्वारा गाए गए चयनित ठुमरियों के राग विश्लेषण पर इस ऑडियो-वीडियो सत्र में प्रस्तुत किये गये।

यह सभी ग्रामोफोन रिकॉर्ड, कैसेट और सीडी पर उपलब्ध हंै। लम्बे समय तक चले इस कार्यक्रम में व्यापक बातचीत भी हुई। प्रस्तुति के दौरान अनुरोध के आधार पर कुछ दर्शकों ने प्रसिद्ध गैर-फिल्मी ठुमरी या फिल्मों के ठुमरी-आधारित गीतों के अंश भी गाये। दर्शकों ने कई प्रश्न-उत्तर करके अपनी कई तरह की जिज्ञासाएं भी प्रकट कीं और संगीत के ज्ञान में अभिवृद्धि करने के प्रयास किये।

के एल पांडे रेलवे बोर्ड से अतिरिक्त सदस्य के पद से सेवानिवृत्त हुए। यह एक कवि, कहानीकार, संगीतज्ञ, विश्लेषक और शोधकर्ता हैं। 16 वर्षों के गहन शोध में उन्होंने 1931 से 2020 तक प्रदर्शित 6,200 हिंदी फिल्मों के 20,000 गीतों का राग विश्लेषण किया है।इन्होंने 5 खंडों में हिंदी सिने राग इनसाइक्लोपीडिया प्रकाशित किया है।

उन्होंने इस क्षेत्र में पीएचडी के माध्यम से 6 विश्वविद्यालयों के 11 शोध विद्वानों का मार्गदर्शन किया है। के एल पांडे को पुणे में फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर से छंदवेध पुरस्कार, बेलगाम में रसिकागरानी पुरस्कार और लखनऊ में प्रसार भारती द्वारा डीडी यूपी सम्मान मिल चुका है। उन्हें अमेरिका के नैशविले में ग्लोबल म्यूजिकल मीट में जज के रूप में सम्मानित किया गया जिसमें दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 52 कलाकारों के प्रदर्शन को जज किया गया। फिलहाल वह गैरफिल्मी गीतों के राग विश्लेषण में लगे हुए हैं।

संवादात्मक ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति के बाद इस पर उपस्थित लोगों ने अनेक सवाल-जबाब भी किये। इस अवसर पर सभागार में अनेक संगीत प्रेमी, बुद्विजीवी, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी और दून पुस्तकालय के सदस्य व अनेक युवा पाठक उपस्थित रहे।

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