राज्य में आगामी जुलाई माह में नई शिक्षा नीति को लागू करने से पूर्व सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। प्रदेश में नेशनल केरिकुलम फ्रेमवक की तर्ज पर स्टेट केरिकुलम फ्रेमवर्क स्कूलों के लिये नये पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करेगा। प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा, कौशल विकास सहित राज्य के आदर्शों को शामिल करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा निदेशालय में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्टेट केरिकुलम फ्रेमवर्क की समीक्षा बैठक ली। डॉ0 रावत ने कहा कि सरकार आगामी जुलाई माह में प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू करेगी, इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सभी तैयारियां पूरी रखने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप राज्य में स्टेट केरिकुलम फ्रेमवर्क (एससीएफ) तैयार किया जा रहा है जो नेशनल केरिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) की तर्ज पर राज्य में पाठ्यक्रमों की रूपरेखा तय करेगा। नवीन पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा, कौशल विकास सहित राज्य के आदर्शों को समावेश होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षाविदों, विषय विशेषज्ञों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से सुझाव आमंत्रित किये जायेंगे। डॉ0 रावत ने कहा कि नवीन पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहन देना सुनिश्चित किया जायेगा, इसके अलावा शिक्षा की पहुंच, समानता और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देकर सकल नामांकन अनुपात में वृद्धि की जायेगी।
इस अवसर पर स्टेट केरिकुलम फ्रेमवर्क (एससीएफ) के प्रमुख व संयुक्त निदेशक प्रदीप रावत एवं उप निदेशक व एनईपी प्रकोष्ठ प्रभारी शैलेन्द्र अमोली ने पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत एनसीएफ की तर्ज पर एससीएफ की तैयारी अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि एससीएफ निर्माण की प्रक्रिया में तीन स्तरों पर जिसमें ब्लॉक स्तर पर मोबाइल ऐप सर्वे, जिला स्तर पर जिला विमर्श समितियों तथा राज्य स्तर पर 25 निर्धारित फोकस ग्रुप द्वारा व्यापक विमर्श कर एससीएफ निर्माण के लिए इनपुट तैयार किये गये हैं। इसके अलावा राज्य स्तर पर स्टीरिंग कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो एनसीएफ एवं राज्य स्तर से प्राप्त इनपुटों के आधार पर एससीएफ बनायेगा और इसके उपरांत पाठ्यक्रम तैयार किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिला स्तरीय विमर्श समितियों ने निर्धारित चार क्षेत्र यथा स्कूल शिक्षा, बचपन में आरम्भिक देखभाल और शिक्षा, अध्यापक शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा पर विमर्श रिपोर्ट सौंप दी है। उन्होंने कहा कि 293 प्रशिक्षित सर्वेयरों द्वारा ब्लॉक स्तर पर मोबाइल एप के माध्यम से 3811 सर्वे पूर्ण कर लिये हैं जो कि राष्ट्रीय मानक से अधिक हैं। उन्होंने बताया कि एनईपी के अंतर्गत टेक प्लटेफार्म पर स्टेट केरिकुलम फ्रेमवर्क की गतिविधियां अपलोड की जा रही हैं।
बैठक में निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर.के. कुंवर, निदेशक एससीईआरटी सीमा जौनसारी, निदेशक बेसिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक एससीईआरटी आर.डी शर्मा, आर.के. उनियाल, डी.सी. गौड, संयुक्त निदेशक प्रदीप रावत, उप निदेशक शैलेन्द्र अमोली, सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।