उत्तराखंडराजनीति

अब लगलू मंडाण

विधानसभा चुनाव 2022

उत्तरकाशी। यूँ तो चुनावी साल में हर कोई अपनी दावेदारी ओर जीत की ताल ठोंक रहा है, लेकिन जनमत किस करवट होगा इसका विश्लेषण जनता कर चुकी है। चुनावी रण में कोन किस पर भारी है ये तो समय आने पर ही पता चलेगा किन्तु जमीनी हकीकत ओर जनता के रुझान से स्पष्ट है कि गंगोत्री के रण में विजयपाल सजवाण जी की लोकप्रियता ओर शानदार व्यक्तित्व के कारण दिन ब दिन उन्हें अपार जनसमर्थन मिल रहा है। वे अपनी जबरदस्त कार्यशैली व मिलनसार व्यवहार के दम पर जनपद में ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में जनप्रिय बने हुए है।

वर्तमान परिदृश्य में विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास ऐसा कोई विजनरी लीडर ही नही है जो उनके समकक्ष दिखे। अभी हाल ही में कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे तीरथ सिंह रावत भी सजवाण जी के जनाधार को देख गंगोत्री से चुनाव लड़ने की हिम्मत नही जुटा सके।

जैसा कि तय है उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव फरवरी 2022 में होना निश्चित है, ऐसे में यहां चुनावी बिगुल बज चुका है। कांग्रेस पहले से ही अपने लोकप्रिय नेता विजयपाल सजवाण जी के नेतृत्व में जनता की आवाज को बुलंद किये है, जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों और मूलभूत समस्याओं पर लगातार जनाक्रोश रैली ओर सड़कों पर उतरकर उन्होंने अपनी ताकत को पूरी एकजुटता से दिखाया भी है। लेकिन भाजपा सत्तासीन होने के बावजूद पिछले साढ़े चार सालों से जनाकांक्षाओं पर खरी नही उतर पायी है। गंगोत्री में अनेक धड़ों में बंटी भाजपा सिर्फ स्वार्थ की लड़ाई तक सीमित है। बिडम्बना ये है कि थोलों, मेलों ओर भागवत कथाओं में बड़ी-बड़ी डींगे हाँकने वाले इनके लम्बरदार सरकार में होते हुए भी भविष्य का सपना दिखा रहे है। अब इन्हें ये कोन समझाए कि वर्तमान में सरकार भाजपा की ही है, और आपका दायित्व है कि जनहित से जुड़े मामलों को सरकार से हल करवाएं, अन्यथा ये जनता है जो सब जानती है, समय आने पर सबकी कुंडली खंगालती है।

जहां पिछले साढ़े चार सालों से विपक्ष में रहते विजयपाल सजवाण जी विधानसभा के हर गांव की जनता से जुड़े रहे, सुख दुःख में लोगों के बीच मौजूद रहे और हर मुश्किल वक्त मे लोगों की मदद की, वहीं सरकार में रहते भाजपा के नेतागण केवल चुनावी बेला में अपना चेहरा दिखाकर नजर उतार रहे है।

 

बहरहाल इन सबके बीच फिलहाल भाजपा के पास विजयपाल सजवाण जी के खिलाफ कोई तोड़ नही है, उनकी बढ़ती लोकप्रियता जनता से सीधा जुड़ाव ओर हर वर्ग का साथ उन्हें अन्य उम्मीदवारों से कोसों आगे करता है। निश्चित ही 2022 में वे गंगोत्री से रिकॉर्ड मतों से जीतकर सत्ता का मिथक कायम करते हुए पहली बार कैबिनेट मंत्री के सूखे को खत्म कर राज्य में बड़ी जिम्मेदारी के साथ गंगोत्री का नाम रोशन करेंगे।

 

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