देहरादून। शुगर और बीपी जैसी जानलेवा बीमारी की मुफ्त जांच के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक सीएचओ को दस गांवों की जिम्मेदारी दी है। इसका उद्देश्य घर-घर में शुगर बीपी की जांच कर लोगो की अच्छी सेहत निश्चित करना है।
राज्य सरकार गैर संचारी रोगों के प्रभाव को कम करने के लिए घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करा रही है। इस योजना के तहत, उत्तराखंड में आम लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर (सीएचओ) अब घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करेंगे। इसके लिए उत्तराखंड सरकार की ओर एक सीएचओ को दस गांवों की जिम्मेदारी दी जा रही ह ताकि ज्यादा से ज्यादा गांव काम समय में शामिल किए जा सकें। शुगर और बीपी जैसी जानलेवा बीमारियों की जांच करना आज बहुत अनिवार्य हो गया है। जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सोहन लाल ने बताया कि समय पर लक्षणों की पहचान करके जांच के बाद उपचार शुरू कर दिया जाए तो रोगियों को अंधापन, उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, गुर्दे फेल होने, घाव का लंबे समय तक न भरने आदि खतरनाक स्थितियों से बचाया जा सकता है।
इसके तहत हेल्थ एंड वेलनेस में तैनात सीएचओ के नेतृत्व में विभाग की टीम घर घर जाकर लोगों की जांच करेगी। पूरे राज्य में कुल एक हजार के करीब सीएचओ की निगरानी में यह कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए 664 सीएचओ का चयन किया गया है और प्रत्येक CHO की निगरानी में 10 गांव रहेंगे।
केंद्र सरकार एनएचएम के तहत गैर संचारी रोगों की रोकथाम के लिए यह विशेष अभियान चला रही है और इसी के तहत राज्य में अब घर- घर जाकर बीमारी की जांच की जायेगी।
इसके साथ ही लोगों को उनके स्वास्थ्य के बारे में अपडेट किया जाएगा और शुगर, बीपी, मोतियाबिंद, कैंसर सहित तमाम बीमारियों की पहचान कर लोगों के स्वास्थ्य की जांच कराई जाएगी।
गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को इलाज के लिए जिला अस्पताल या हायर सेंटर रेफर करने की व्यवस्था की जा रही है। अब इन सीएचओ को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में तैनात देने के बाद स्क्रीनिंग का काम शुरू हो जाएगा।