उत्तराखंड

संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ नारे के साथ वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को राज्य के विपक्षी दलों, जन संगठनों ने याद किया

देहरादून | दीन दयाल पार्क में विपक्षी दलों एवं विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के सिद्धांतों एवं विचारों को याद करते हुए कानून का राज, संवैधानिक मूल्यों और इंसानियत के लिए आवाज़ उठाया। कार्यक्रम मे “संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ” का नारा लगाते हुए प्रतिभागियों ने चिंता व्यक्त किया कि राज्य में लगातार हिंसा, नफरत, गैर बराबरी और दमन को बढ़ावा दिया जा रहा है जबकि वीर चंद्र गढ़वाली जैसे देशभक्त नायकों ने ज़िन्दगी भर ऐसे विचारों के खिलाफ लड़े थे। भू कानून, वन अधिकार, कल्याणकारी योजनाएं में हो रहे घोटालों, कानून के राज और रोज़गार पर बात करने के बजाय कुछ नेता और संगठन लगातार नफरत और भेदभाव को प्रचार करने की कोशिश में है। वक्ताओं ने याद किया कि अंग्रेज़ों ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली और उनके रेजिमेंट को धर्म के आधार पर उकसाने की कोशिश की लेकिन वीर चंद्र सिंह गढ़वाली ने आज़ादी के लिए आंदोलनरत पठान समाज के निहत्ते लोगों पर गोली चलाने से इंकार कर दिया। उनकी इंसानियत और देशभक्ति को अंग्रेज़ नहीं तोड़ पाए थे। इस विरासत और इन विचारों को हमें आगे बढ़ाना होगा।

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार एवं वरिष्ठ नेता शंकर सिंह रमोला; भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेशनल काउंसिल सदस्य समर भंडारी; समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ एसएन ,ऑल इंडिया किसान सभा के महामंत्री गंगाधर नौटियाल एवं अध्यक्ष सुरेंद्र सजवान; CITU के राज्य सचिव लेखराज; चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल; जनता दल सेकुलर के हरजिंदर सिंह; वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ते हरबीर सिंह कुशवाहा एवं राकेश पंत; एवं अन्य वरिष्ठ लोगों ने सम्मेलन को संबोधित किया। उत्तराखंड महिला मंच के प्रतिनिधि, CPI के रविन्द्र जग्गी एवं अशोक शर्मा, चेतना आंदोलन के प्रभुत पंडित, रमन पंडित, सुनीता देवी, पप्पू कुमार, संजय कुमार, नरेश, सुवा लाल, इत्यादि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अध्यक्षता वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता डॉ कोठारी ने किया।

प्रदेश के अन्य जगहों में जैसे चमियाला, पिथौरागढ़, गरुड़, भवाली इत्यादि में भी इस प्रकार के कार्यक्रम हुए।

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