
देहरादून , पुलिस ने प्रदेश में हर ड्रोन की अनमैंड ट्रैफिक मैनेजमेंट (यूटीएम) सॉफ्टवेयर से निगरानी शुरू कर दी है। इसके लिए पुलिस ने दिल्ली की स्काईएयर कंपनी से करार कर लिया है। अभी सॉफ्टवेयर से एक माह तक ट्रायल किया जाएगा। इस दौरान सॉफ्टवेयर में आने वाली दिक्कतों को परखा जाएगा। इसके बाद इसे सॉफ्टवेयर को पूर्णतया पुलिस अपने सिस्टम में शामिल कर लेगी। दरअसल, अभी तक कौन, कहां और क्यों ड्रोन उड़ा रहा है इस पर नजर रखने के लिए पुलिस के पास कोई तंत्र नहीं था। जबकि, प्रदेश के कई हिस्सों में छोटे मालवाहक ड्रोन भी उड़ाए जा रहे हैं। इनसे दवाएं, ब्लड सैंपल और तमाम तरह की सामग्रियों को दूर दराज के इलाकों में पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में कुछ असामाजिक तत्व इसका गलत फायदा भी उठा सकते हैं। लिहाजा, पुलिस ने इस तंत्र को विकसित करने के लिए दिल्ली की एक कंपनी से हाथ मिलाया है। पुलिस संचार विभाग में ड्रोन टीम के दीपांकर ने बताया कि स्काईएयर कंपनी ने पुलिस के लिए यूटीएम सॉफ्टवेयर विकसित किया है।
ड्रोन को किया जाएगा पंजीकृत
इस सॉफ्टवेयर को रविवार से प्रूफ ऑफ कांसेप्ट के तौर पर लांच कर दिया गया है। इस पर हर ड्रोन को पंजीकृत किया जाएगा। इससे टेक ऑफ होने से लेकर रूट और लैंडिंग तक की लाइव लोकेशन पता चल जाएगी। यदि कोई ड्रोन बिना पंजीकरण उड़ाया जा रहा है तो उसे जैमर से जाम भी कर दिया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर पर मालवाहक ड्रोन से लेकर शौकिया उड़ाने वालों को भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इस सॉफ्टवेयर के जरिए पुलिस प्रदेश में उड़ने वाले नैनो, माइक्रो, स्मॉल सभी श्रेणियों के ड्रोन की निगरानी की जाएगी।