उत्तराखंडराजनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है उत्तराखंड के विकास पर फोकस

घस्यारी कल्याण योजना बहुत महत्वपूर्ण – अमित शाह

देहरादून। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के शुरूकरने और सभी एमपैक्स के कम्प्यूटरीकरण पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सहकारिता मंत्री डा.धन सिंह रावत को बधाई देते हुए कहा कि पिछले पौने पांच साल में प्रदेश का चहुंमुखी विकास हुआ है। युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है उत्तराखंड के विकास पर फोकस है।इस अवसर पर राज्य समस्त 670 बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (एमपैक्स) का कम्प्यूटरीकरण किया भी विधिवत रूप से पूर्ण किया गया। साथ ही सहकारिता ट्रेनिंग सेंटर का भी उद्घाटन किया गया।

प्रदेश में सहकारिता विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना की शुरूआत हो गई है। देहरादून के बन्नू स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह, सहकारिता मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने योजना का शुभारम्भ किया।

केंद्रीय मंत्री शाह ने मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इससे खास तौर हमारी माताओं व बहनों को काफी राहत मिलेगी। उनका बोझ कम होगा। वे अपना समय दूसरे आय अर्जन में कर सकेंगी। साइंटिफिक पोष्टिक पशु चारा मिलने से गायों की दुग्ध क्षमता बढेगी जिसका फायदा इस काम में लगे लोगों को मिलेगा। इसके लिए मक्का उत्पादन को बढ़ावा देने से किसानों को भी लाभ मिलेगा।

*शाह ने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि उत्तराखण्ड में प्रदेश की 670 एमपैक्स के कम्प्यूटरीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। जितना ज्यादा डिजीटलाईजेशन होगा, सहकारिता से जुड़े लोगों को उतनी ही अधिक सहूलियत होगी। तेलंगाना के बाद ऐसी करने वाला उत्तराखण्ड दूसरा राज्य है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय द्वारा देश भर की सहकारिता समितियों के पूर्ण कम्प्यूटरीकरण पर काम किया जाएगा। इसके लिए उत्तराखण्ड मॉडल का अध्ययन किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गरीबों का दर्द प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दिल में रहता है। उन्होंने देश के सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ाया है। अमृत महोत्सव में सहकारिता का अलग से पहली बार मंत्रालय बनाया गया है। श्री शाह ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि वे देश के पहले सहकारिता मंत्री बने हैं। अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन किसानों, मजदूरों, मछुआरों और सहकारिता से जुड़े लोगों के जीवन में बडा परिवर्तन लाएगा।

प्रदेश को केंद्र से मिली 85 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी ने उत्तराखण्ड राज्य का गठन किया था। अब प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में इसे संवारा जा रहा है। पिछले लगभग 5 साल में चार धाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, एनएच पर किए गए कामों सहित 85 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं केंद्र से राज्य के लिए स्वीकृत हुई हैं। इनमें से बहुत सी योजनाओं पर काम हो गया है, बहुत सी योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया। 5 नवम्बर को प्रधानमंत्री जी केदारनाथ आ रहे हैं। उस दिन शंकराचार्य जी की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। बदरीनाथ जी के मास्टर प्लान पर भी काम चल रहा है।

उन्होंने कहा उत्तराखंड सरकार ने कोविडरोधी टीकाकरण का कार्य जिस तेजी से किया है, वह सराहनीय है। उत्तराखंड में तमाम जगह ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए। हाल ही में आई आपदा में मुख्यमंत्री एवं सरकार द्वारा तत्परता से कार्य किया गया। उन्होंने कहा उत्तराखंड का विकास ऐसी जागरूक सरकार से ही संभव है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड एवं देश तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने कहा उज्जवला योजना ,आयुष्मान भारत योजना जैसी तमाम योजनाओं से जनता को लाभ पहुंचाने का कार्य किया गया है। वन रैंक वन पेंशन की मांग को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने पूरा किया। उन्होंने कहा केदारनाथ मंदिर एवं बद्रीनाथ मंदिर का विकास कार्य तेजी से चल रहा है।

आपदा में केंद्र से तत्काल मिली सहायता

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का स्वागत करते हुए कहा कि हाल ही में आई आपदा में अमित शाह जी ने प्रदेश की हर सम्भव सहायता की। उन्होंने एक अभिभावक की तरह हमारा साथ दिया। उत्तराखंड में आई आपदा में तत्परता दिखाते हुए राज्य में बचाव कार्य के लिए सेना के 3 हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए। आपदा के दौरान डेढ़ लाख से ज्यादा तीर्थयात्री प्रदेश में आए हुए थे। परंतु समय पर अलर्ट होने और प्रशासनिक मशीनरी को सक्रिय करने से इसमें एक भी तीर्थयात्री की मृत्यु नहीं हुई।

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