गाै माता की रक्षा करना ही धर्म की रक्षा है और धर्म की रक्षा ही राष्ट्र की रक्षा है
गौ माता की रक्षा करना ही धर्म की रक्षा है और धर्म की रक्षा ही राष्ट्र की रक्षा है इसलिए गाय माता को राष्ट्र माता का दर्जा मिलना चाहिए यह उद्गार संत गाेपालमणि ने श्रीमदभागवत कथा के रसपान कराते हुए कही।
प्रतापनगर क्षेत्र की पट्टी ओण के ग्राम पंचायत खेत गांव निवासी सत्यप्रसाद भट्ट एवं द्वारिका प्रसाद भट्ट द्वारा अपने पितरों के उद्धार हेतु आयोजित श्रीमदभागवत कथा का रसपान कराते एवं कथा वाचक संत गाेपालमणि एंव सीताशरण महाराज ने कहा कि गाय हमारी राष्ट्र माता है परंतु हमारी सरकार गाै माता काे पशु माता नहीं बल्कि पशु मानती है।
उन्होंने कहा कि श्रीमदभागवत कथा ,वेद पुराण, उपनिषद ,महाभारत ,राम कथा में मां शब्द को सबसे पावर फुल मानने के साथ ही गाय को माता का दर्जा प्राप्त है साथ ही जीवन के संपूर्ण सत्कर्मों की गवाह भी गाय है तो क्यों न गाै माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जा रहा है
संत गाेपालमणि ने सन 1857 की क्रान्ति का स्मरण कराते हुए कहा कि बाबर ने हुमायूं को कहा कि यदि हिंदुस्तान पर राज करना है ताे सब कुछ करना लेकिन गाय पर छेड़छाड़ मत करना और उसके बाद अंग्रेजों ने भारत में सबसे पहले गाय को माता नहीं पशु करार दिया था और अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के बाद हमारा देश गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की बजाय पशु ही मान रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत देश के अंदर मनुष्य जीवन के जन्म से मरण तक एंव स्वर्ग की प्राप्ति के लिए भी जब गाय की पूंछ पकड़ी जाती है तो क्यों नहीं गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाता है उन्होंने सभी कथा का रसपान कर रहे श्रोताओं से गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने की आवाज को बुलंद करने का आह्वान किया है
इस अवसर पर कथा का रसपान करने पहुंचे क्षेत्रीय विधायक बिक्रम सिह नेगी एवं ब्लाक प्रमुख प्रदीप रमाेला ने गाय की महिमा काे अपार बताते हुए गाै माता काे राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए एकजुट हाेकर हुंकार भरने का आह्वान किया
इस अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष बरफ चंद रमोला, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सराेज भट्ट, मुरारी लाल खंडवाल, रंजन भट्ट, बिजेंद्र् भट्ट, अंकित भट्ट, संजय भट्ट, अनिल भट्ट, संदीप भट्ट, नाथीराम भट्ट, राजेंद्र भट्ट, कमलेश भट्ट, राकेश थलवाल प्रवीण पंवार, आदि लाेग माैजूद थे।