देहरादून। पर्यावरणविद्, चिपको आन्दोलन के प्रणेता व पद्मविभूषण से सम्मानित स्व सुन्दर लाल बहुगुणा जी की दूसरी पुन्यतिथि मनाई गई। उनका पूरा जीवन सम्पूर्ण सृष्टि व मानव जाति के लिए रहा है। उनके संघर्ष का केन्द्र टिहरी ही रहा इसलिए एक थी टिहरी की प्रतिकृति में उनको याद कर रहे हैं।
यदि हमने प्रकृति की रक्षा नहीं कि तो प्रकृति दण्ड देगी , यही उनकी साधना थी इसलिए कुटिया बना कर टिहरी में ही रहते थे। आज जोशीमठ में जो हो रहा है वह उसके पीछे पर्यावरण की अनदेखी है।मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त श्री विवेक शर्मा जी ने कहा है कि कर्मयोगी सुन्दर लाल बहुगुणा जी ने जो पाथेय दिया उसे अपने जीवन में उतारने का वक्त आ गया है।