उत्तराखंड

ग्लोबल टाइगर डे पर एम्स ट्रॉमा सेंटर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन

ग्लोबल टाइगर डे के उपलक्ष्य में एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा सर्जरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग के तत्वावधान में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके माध्यम से वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ट्रॉमा के दौरान प्राथमिक उपचार एवं फर्स्ट रिस्पॉन्डर की भूमिका की जानकारी दी गई।

एम्स के ट्रॉमा सर्जरी एवं क्रिटकल केयर विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में ट्रॉमा टीम द्वारा राजाजी नेशनल पार्क के कार्मिकों को ट्रॉमा प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्रतिभागियों को ट्रॉमा प्रबंधन, फर्स्ट एड एवं फर्स्ट रिस्पॉन्डर की भूमिका के बारे में प्रशिक्षित किया गया। साथ ही, स्किल स्टेशन के माध्यम से हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग भी दी गई, जिसमें प्रतिभागियों ने व्यवहारिक रूप से सीखा कि ट्रॉमा की स्थिति में कैसे त्वरित और सही कदम उठाए जाएं।
कार्यक्रम के दौरान वन अधिकारियों ने वन्यजीव संरक्षण एवं वन संरक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार से मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सकता है, साथ ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जंगलों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। इस दौरान सभी को वन्य जीव एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया और सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में सामुहिक प्रयासों की आवश्यकता बताई गई।

बताया गया कि कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल जंगल में कार्यरत कार्मिकों को ट्रॉमा संबंधी प्राथमिक उपचार की जानकारी देना था, बल्कि वनों में कार्य के दौरान आने वाली आकस्मिक चिकित्सीय चुनौतियों के लिए उन्हें तैयार करना भी था।
कार्यशाला में एम्स ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कमर आज़म, ट्रॉमा सर्जन
डॉ. मधुर उनियाल, डॉक्टर भास्कर सरकार, डॉ. रूबी कटारिया, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. आदित्य, डॉ. शांतम, नर्सिंग ऑफिसर शशिकांत, दीपिका कांडपाल, वने पाल सिंह, आदित्य के अलावा राजाजी नेशनल पार्क की एसीएफ श्रीमती चित्रांजलि नेगी, रेंज अधिकारी गौहरी राजेश जोशी, प्रोजेक्ट एसोसिएट, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून

शशांक नगराले, वाइल्डलाइफ कंज़र्वेशनिस्ट एवं फोटोग्राफर,अचिंत्य प्रताप, फॉरेस्टर आशीष गौड़ आदि मौजूद थे।

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