उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग: मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती ने किया भूमि का स्थलीय निरीक्षण

रुद्रप्रयाग: जिले के फाटा क्षेत्र में जल्द ही एक नई पार्किंग सुविधा का निर्माण होने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई इस महत्वपूर्ण घोषणा को अब प्रशासन द्वारा अमली जामा पहनाया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को जनपद के मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती ने फाटा के रविग्राम में ग्रामीणों द्वारा दिखाई गई भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान उनके साथ रविग्राम के प्रशासक रामेश्वर प्रसाद जमलोकी और क्षेत्रीय विधायक प्रतिनिधि सुमन जमलोकी भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि इस पार्किंग के लिए ग्रामीणों ने स्वयं पहल करते हुए अपनी निजी भूमि प्रशासन को देने का निर्णय लिया है, जिससे मुख्यमंत्री की योजना को धरातल पर उतारने में सहूलियत मिल रही है।

मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने निरीक्षण के बाद बताया कि यह परियोजना मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा घोषित की गई थी, लेकिन पार्किंग के लिए वनभूमि प्राप्त करने में अड़चनें आ रही थीं। ऐसे में प्रशासन द्वारा स्थानीय ग्रामीणों से संपर्क साधा गया, जिन्होंने सकारात्मक रुख अपनाते हुए अपनी निजी भूमि देने की सहमति दी।

निरीक्षण के दौरान दिखाई गई भूमि को पार्किंग निर्माण के लिए उपयुक्त पाया गया है, जहां लगभग 150 से अधिक वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग बनाई जा सकती है।डॉ. खाती ने यह भी बताया कि जैसे ही संबंधित भूमि के लिए एनओसी प्राप्त होती है, वैसे ही निर्माण कार्य की प्रक्रिया को शीघ्रता से प्रारंभ कर दिया जाएगा। ग्रामीणों की इस पहल की सराहना करते हुए उन्होंने इसे जनसहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।

मत्स्य पालन और कृषि के क्षेत्र में भी विकास की संभावनाएं

स्थलीय निरीक्षण के बाद मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती ने विकासखंड ऊखीमठ के ग्राम पंचायत त्यूड़ी में मत्स्य विभाग द्वारा बनाए गए तालाबों का भी जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मत्स्य पालक गबर सिंह रावत एवं सुरेन्द्र सिंह द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार मत्स्य पालकों को हरसंभव सहयोग देने के लिए तत्पर है और क्षेत्र में मत्स्य पालन को और भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।
सीडीओ डॉ. खाती ने यह भी सुझाव दिया कि गांव के जिन काश्तकारों के खेत के किनारे खाली या बंजर भूमि है, वहां स्ट्रॉबेरी या चंदन के पेड़ लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की जलवायु और भूमि की गुणवत्ता कीवी की खेती के लिए भी अनुकूल है।उन्होंने ग्रामीणों से गांवों में होमस्टे को भी बढ़ावा देने का आह्वान किया, ताकि पर्यटन को प्रोत्साहन मिल सके और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हों।इस दौरान खण्ड विकास अधिकारी अनुष्का, मत्स्य विभाग के अधिकारी,सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी ,स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे।

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