उत्तरप्रदेशशिक्षा

वोकाबैडिक्ट्स में टीएमयू फार्मेसी की टीम क्लेशर्स अव्वल

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सीटीएलडी विभाग की ओर से ट्रेनर्स ने शाब्दिक ज्ञान स्ट्रॉन्ग कराने हेतु तैयार की 1000 शब्दों की बुक

मुरादाबाद । तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सीटीएलडी विभाग ने की ओर से ऑडिटोरियम में वोकाबैडिक्ट्स-3.0 कार्यक्रम में फार्मेसी की क्लेशर्स टीम विजेता रही। एजुकेशन की टीम वैंग्आर्ड ने दूसरा तो एजुकेशन की ही टीम जेनजैड ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। आज के युग में अंग्रेज़ी की बढ़ती लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए छात्रों को अंग्रेजी के नए एवं क्लिष्ट शब्दों की पहचान कराने हेतु इस कार्यक्रम का नाम वोकाबैडिक्ट्स रखा गया। छात्रों के लिए सभी ट्रेनर्स की ओर से 1000 शब्दों की एक किताब तैयार की गई, जिसमें अनेक प्रकार के शब्दों जैसे- अनेक शब्दों के एक शब्द, समानार्थी शब्द, आदि का उल्लेख किया गया। कार्यक्र्रम का उद्देश्य छात्रों का शाब्दिक ज्ञान बढ़ाना था। कार्यक्रम में कुल 320 टीम्स ने प्रतिभाग किया। प्रत्येक टीम में कुल 3 छात्र थे। कार्यक्रम में तीन राउंड हुए। पहले स्क्रीनिंग राउंड के आधार पर 44 टीम्स क्वार्टर फाइनल के लिए चुनी गईं। इन 44 टीम्स के बीच क्रॉसवर्ड पजल के जरिए सेमी फाइनल के लिए 12 टीम्स का चयन हुआ। कार्यक्रम के क्विज़ मास्टर श्री विपिन चौहान ने 12 टीम्स के बीच प्रतियोगिता कराई जिसमें से 6 टीमों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। इससे पूर्व वाइस चांसलर प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, सीटीएलडी के डायरेक्टर प्रो. आरएन कृष्णिया, डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह, लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित, लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. सुशील कुमार सिंह, डॉ. विनोद जैन आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस मौके पर सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सभी विजेता प्रतिभागियों को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।

 

 

 

 

टीएमयू के वाइस चांसलर प्रो. रघुवीर सिंह ने बतौर विशिष्ट अतिथि अपने उदबोधन में छात्रों को अंग्रेजी के महत्व समझाते हुए वर्बल एबिलिटी एवम् लर्निंग थ्योरी को विस्तारपूर्वक समझाया। प्रो. सिंह ने कहा, अपनी वोकेबुलरी को बढ़ाकर छात्र अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को और मजबूत बना सकते हैं।। रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, अपनी बातों को आज दुनिया के सामने रखने और साबित करने के लिए जरूरी है कि स्टुडेंट्स के दिमाग में अनेक शब्द रहें, जिनकी मदद से वे कभी भी बात करते या लिखते समय पीछे न रहें। सीटीएलडी के डायरेक्टर प्रो. आरएन कृष्णिया ने ट्रेनर्स की टीम तथा वालंटियर्स को प्रोत्साहित करते हुए कहा, जिस मकसद के साथ हम आगे बढ़े थे कि हम अपने छात्रों को अंग्रेजी की दुनिया में एक अलग पहचान दिला सकें। उस उद्देश्य को सफल बनाने हेतु सबने मेहनत की है, जिसके कारण हम आज इस कार्यक्रम के आखिरी चरण में खड़े हैं। कार्यक्रम में सीटीएलडी के डिप्टी डायरेक्टर श्री दिलीप वार्ष्णेय के संग-संग श्रीमती जैस्मिन स्टीफन, श्री अतुल दयाल, श्रीमती अलका दयाल, श्री अनंत भारद्वाज, श्री दीपक कटियार, श्री सागर प्रताप सिंह, सुश्री चार्वी खत्री, श्री अंकित शर्मा, श्री प्रदीप पंवार एवं श्री चंद्रभूषण सिन्हा के अलावा विभिन्न कॉलेजों के डायरेक्टर्स, एचओडीज़ और स्टुडेंट्स मौजूद रहे। विभिन्न कॉलेज से रजिस्ट्रेशन के माध्यम से जुड़े 20 वालंटियर्स समेत स्टुडेंट्स आस्था जैन और वंशिका दीक्षित ने संचालन किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button