उत्तराखंडराजनीति

निकाय चुनाव टालने का षड्यंत्र रच रही है सरकार

उत्तराखंड। निकाय चुनाव टालने का मतलब है कि राज्य सरकार निर्वाचित प्रतिनिधि से जिम्मेदारी हटाकर निकायों को अफसरशाही के हवाले करने वाली है। ऐसा करके सरकार निकायों में अगले चुनाव तक धन उगाही का काम अधिकारियों के माध्यम से करने की साजिश कर रही है।
ओबीसी सर्वे आयोग के सदस्य सचिव ओंकार सिंह ने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि खटीमा में ओबीसी सर्वे गलत तरीके से किया गया, धारचूला के सर्वे में भी खामियां बताई गई है।इसके अलावा जो 9 नगर निगम में भी अभी तक ओबीसी सर्वे अभी तक नहीं किया गया है। जबकि ओबीसी सर्वे पूरा करने की तिथि 31 मार्च 2023 थी। राज्य सरकार जानबूझकर के ओबीसी सर्वे में देर करवा करके तथा उसमें खामियां दिखा करके नगर निकाय चुनाव टालना चाहती है ।
निकाय चुनाव पार्टी सिंबल पर लादे जाते है तथा भाजपा सरकार को अपनी नाकामियों के कारण निकाय चुनाव में हार का डर सता रहा है, जिसका असर लोकसभा चुनाव पर पड़ना तय है। इसलिए वह नगर निकाय चुनाव को टालने की साजिश कर रही है। हमारा सरकार से तथा राज्य निर्वाचन से आग्रह आग्रह है कि नगर निकाय चुनाव समय पर पूरे। करवा कर पूर्व के प्रतिनिधियों से नए निर्वाचित लोगो को जिम्मेदारी सौंपी जाए। अगर राज्य सरकार जानबूझकर निकाय चुनाव टालने का षड्यंत्र करेगी तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा और प्रशासकों के माध्यम से निकायों को विकास के लिए मिलने वाली धनराशि की बंदरबांट का मंसूबा पूरा नहीं होने देंगे।

 

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